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हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में निशुल्क टेस्ट बंद करने की तैयारी, पर्ची के भी लगेंगे पैसे

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हिमाचल प्रदेश में ‘सुख की सरकार’ प्रदेशवासियों को एक और झटका देने की तैयारी में है। अब हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगियों (आउट डोर पेशेंट) के निशुल्क टेस्ट बंद करने की तैयारी है। इसके साथ ही पर्ची भी अब फ्री में नहीं बनेगी। कितना लगेगा चार्ज
हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगियों (आउट डोर पेशेंट) के निशुल्क टेस्ट बंद करने की तैयारी है। वहीं, *पर्ची के भी पैसे लगेंगे। पर्ची का रेट 10 रुपये करने की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने टेस्ट की फीस तय करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। अंतिम फैसला सरकार को लेना है। हालांकि, अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों को निशुल्क टेस्ट की सुविधा मिलती रहेगी।
महकमे का तर्क है कि जब से निशुल्क टेस्ट की सुविधा शुरू की गई है। लोग हर महीने या तीन महीने बाद पूरे शरीर के टेस्ट करा रहे हैं। इससे प्रदेश सरकार पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। प्रयोगशालाओं में भी टेस्ट रिपोर्ट लेने के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। हिमाचल में इस समय 130 के करीब निशुल्क टेस्ट किए जा रहे हैं।


इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में आउटडोर पेशेंट के लिए ईसीजी और अल्ट्रासाउंड के पैसे लेने शुरू कर दिए गए हैं। अब निशुल्क टेस्ट बंद करने पर सरकार विचार कर रही है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में लोगों के लिए अस्पतालों में निशुल्क टेस्ट सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। मेडिकल काॅलेजों के अलावा सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में निजी कंपनी की लैब स्थापित की गई हैं। इन प्रयोगशालाओं में मरीजों के निशुल्क टेस्ट किए जाते हैं, लेकिन इन टेस्टों का खर्च सरकार को वहन करना होता है। हर साल प्रदेश सरकार कंपनी को टेस्ट के करोड़ों के बिलों की अदायगी करती है।

 

हिमकेयर का भी ऑडिट शुरू

हिमकेयर योजना के तहत भारी-भरकम बिलों का भी सरकार ने ऑडिट शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान ऑडिट करवाने की बात कही थी। दरअसल हिमकेयर में करोड़ों का गड़बड़झाला हुआ है। आरोप हैं कि आंख के ऑपरेशन और सर्दी-जुकाम के भी हजारों के बिल बना दिए गए। हर्निया के ऑपरेशन के भी लाखों का बिल बना है। डॉक्टरों ने हिमकेयर योजना में पंजीकरण करके अस्पतालों की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बना दीं। विधानसभा में इस मामले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में काफी बहस हो चुकी है।
बाह्य रोगियों से मेडिकल टेस्ट की फीस लेने का मामला विचाराधीन है। अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक