हमीरपुर में प्रदेश के पहले कैंसर संस्थान को केंद्र की सैद्धांतिक मंजूरी

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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में बनने वाले प्रदेश के पहले कैंसर संस्थान को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस संस्थान में इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च की मदद से प्रदेश में बढ़ रहे कैंसर के मरीजों के कारणों का पता लगाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे लेकर सीएम बीते महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मुलाकात कर चुके हैं। प्रदेश सरकार जल्द इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की योजना तैयार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रोजेक्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिया है।

इस संस्थान में न्यूक्लियर मेडिसिन का विशेष विभाग होगा। इसमें बड़ी क्षमता की न्यूक्लियर लैब और साइक्लोट्रॉन भी रहेगा। इस संस्थान के निर्माण पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस संस्थान में कैंसर से संबंधित शोध होंगे। कैंसर से पीड़ित मरीजों का इस संस्थान में आधुनिक तकनीक से बेहतर उपचार होगा। सुक्खू ने वर्ष 2024-25 के बजट भाषण में इस संस्थान को खोलने की घोषणा की थी। विशेष स्वास्थ्य सचिव अश्वनी शर्मा ने बताया कि हमीरपुर में खुलने वाले कैंसर संस्थान को केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिली है।

महिलाओं में स्तन और पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर ज्यादा 

हिमाचल की महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह के कैंसर में कमी आई है, जबकि स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। खानपान सही न होना और ज्यादा उम्र में शादी करने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक हो रहा है। पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर के मामले ज्यादा आ रहे हैं। शराब के साथ-साथ धूम्रपान करने से पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर ज्यादा हो रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में हर साल औसतन 150 से ज्यादा मामले महिलाओं में स्तन कैंसर के आ रहे हैं। वहीं 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में फेफड़ों के कैंसर के करीब 350 नए मामले दर्ज हो रहे हैं।

हरेक जिला अस्पताल में बनेंगे डे केयर कैंसर सेंटर

कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी देने के लिए जिला अस्पतालों व चयनित आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों पर डे केयर कैंसर सेंटर भी खोले जाने हैं। इन केंद्रों में कीमोथेरेपी ले रहे सभी मरीजों के लिए बेड की सुविधा होगी। कैंसर का इलाज महंगा है। ऐसे में मरीजों को यह चिकित्सा सुविधा भी निशुल्क दी जाएगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक