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सुंदरनगर में लैंडस्लाइड : मृतकों की संख्या पहुंची 6, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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उपमंडल सुंदरनगर की चांबी पंचायत में मंगलवार शाम करीब 6 बजे हुए भीषण भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी। पहाड़ी से अचानक गिरे मलबे की चपेट में आने से दो मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए। हादसे में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है।

    शुरुआती जानकारी के अनुसार, मलबे में दबे लोगों में से तीन शव देर रात बरामद किए गए। इनमें मां-बेटे सुरेंद्र कौर और गुरप्रीत सिंह शामिल हैं। दोनों शव घर के नीचे दबे हुए थे, जिन्हें छत काटकर बाहर निकाला गया। वहीं तीसरा शव मलबे के नीचे स्कूटर सहित दबा हुआ मिला, जिसकी पहचान डढ़याल निवासी प्रकाश शर्मा के रूप में हुई। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

 इससे पहले, मलबे की चपेट में आने से एक बच्ची और दो महिलाओं की मौत हो गई थी। बच्ची और महिला को रेस्क्यू कर एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई। वहीं एक अन्य महिला की डेड बॉडी सीधे मलबे से निकाली गई। प्रशासन ने आशंका जताई है कि मलबे के नीचे अभी और लोग दबे हो सकते हैं।

     हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासनिक और पुलिस टीमें मौके पर पहुंच गईं। तीन जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी है। मौके पर तैनात बचाव दल, स्थानीय लोग और क्यूआरटी मिलकर रेस्क्यू कार्य में जुटे हुए हैं। वहीं एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया है।

    डीसी मंडी अपूर्व देवगन, एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी और डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। विधायक सुंदरनगर राकेश जम्वाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि दो घायलों की अस्पताल में मौत हो चुकी है। अब तक कुल छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और दो और लोगों के दबे होने की आशंका बनी हुई है।

     स्थानीय लोगों का कहना है कि पहाड़ी से मलबा गिरते ही पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई घरों को भी खतरा बताया जा रहा है। रेस्क्यू टीमें मलबा हटाकर दबे हुए लोगों की तलाश कर रही हैं। सुंदरनगर में हुए इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। प्रशासन ने आसपास के लोगों को अलर्ट कर दिया है और लगातार लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। इस बीच राहत एवं बचाव कार्य रातभर जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक