सिरमौर के हाटी समुदाय को ST बनाने का मुद्दा फिर लटका,18 मार्च तक हाईकोर्ट की रोक

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हाटी समुदाय को जनजातीय (ST) का दर्जा देने का मामला एक बार फिर से लटक गया है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार की अधिसूचना के लागू होने पर 18 मार्च तक के लिए रोक लगा दी है। एससी समुदाय की तरफ से हाटी को जनजातीय दर्जा देने को लेकर हाईकोर्ट में अपील की गई है, जिस पर आज हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किए हैं।  हालांकि केंद्र सरकार से कानून बनने के बाद हिमाचल सरकार ने भी इसको हरी झंडी दिखा दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट के विचाराधीन था। ऐसे में अब हाटी समुदाय के लोगों को प्रमाणपत्र लेने के लिए कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना पड़ेगा।

इस मामले में याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता रजनीश ने बताया कि हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए संविधान संशोधन और प्रदेश सरकार की ओर से की गई अधिसूचना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि जनजातीय दर्जा देने के लिए स्थानीय समुदाय मानदंड को आधार बनाया गया है। इसके तहत इलाके की आर्थिक पिछड़ेपन और साक्षरता को कसौटी पर रखा जाता है। लेकिन हाटी समुदाय इन मानदंडों को पूरा करने में असफल रहा।

      हाईकोर्ट ने पाया कि ट्रांसगिरि क्षेत्र में रहने वाला हाटी समुदाय निर्धारित शैक्षणिक और आर्थिक प्रावधानों को पूरा नहीं कर पाया है। इस इलाके में एक गांव एशिया का सबसे अमीर माना जाता है। इसके साथ इस इलाके में 80 फीसदी साक्षरता दर है। उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी, तब तक हाटी को जनजातीय दर्जा मिलने पर रोक रहेगी। खास बात यह है कि पहली जनवरी को सुक्खू सरकार ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने की केंद्र की अधिसूचना पर मोहर लगाई है।

ST प्रमाण पत्र बनने हो गए थे शुरू… गौरतलब है कि 1 जनवरी को अधिसूचना जारी होने के बाद क्षेत्र के कुछ लोगों ने अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र भी बनवा लिए थे। कई लोगों को उनके जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए थे, लेकिन अब हाई कोर्ट ने मामले में स्टे लगा दिया है। लिहाजा अब यह  प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे।

06 जनवरी को सिरमौर आएंगे CM सुक्खू…. बता दें कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सिरमौर दौरे का कार्यक्रम भी तय हो गया है। नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में  6 जनवरी को जनसभा को संबोधित करेंगे। यह जानकारी नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी। जनसभा के दौरान आपदा पीड़ितों को राहत राशि के चेक भी वितरित किए जाएंगे।

लंबा रहा है संघर्ष… बता दें कि ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967 से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से संघर्षरत थे। लगातार कई वर्षों तक संघर्ष के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को इस बिल को लोकसभा से पारित करवाया। उसके बाद यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया। राज्यसभा से पारित होने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया था। 9 दिनों में ही राष्ट्रपति ने विधेयक पर लगाई मुहर लगा दी थी।

हाटी समुदाय में करीब 2 लाख लोग 4 विधानसभा क्षेत्र शिलाई, श्री रेणुका जी, पच्छाद तथा पांवटा साहिब में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक