साथ जीने-म#रने का वादा, पूर्व सैनिक ने पत्नी की मौ#त के चंद घंटों बाद तोड़ा द#म

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साथ जीने मरने की कसमें और गीत तो आज तक कई गायकों ने अनेक फि ल्मो में गाए हैं, लेकिन टीहरा क्षेत्र के कोट गांव के एक दंपति की एक दिन ही हुई मौत ने इसे कसम और गीत के बजाय हकीक त में ही बदल दिया। कोट गांव की कमला देवी पत्नी पूर्ण चंद पठानिया (पूर्व सैनिक), गत दिनों अपने घर में सुबह उठने के बाद बिलकुल ठीक थीं। हालांकि उनके पति कुछ समय से अस्वस्थ थे और उस दिन भी उन्हें सांस लेने में कुछ तकलीफ हो रही थी। उनका बेटा सुरेश कुमार पिंकू इलाके के रिटायर्ड डाक्टर अमर सिंह को लाने टीहरा गए और जब वे आधे घंटे बाद वहां पहुंचे, तो कमला देवी की स्थिति ठीक नहीं थी और शूगर लेबल बहुत कम हो गया था। कुछ मिनटों में ही उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार करने के बाद उनके पति पूर्ण चंद पठानिया की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई और उन्हें दोपहर बाद हमीरपुर ले जाया गया, जहां पर उनकी मौत हो गई। शाम को उनका भी अंतिम संस्कार कर दिया गया।

दिवंगत कमला देवी और पूर्ण चंद को अपनी पोती की शादी, जो अगस्त में होनी है, का इंतजार था। साथ ही घर भी बनावा रहे थे। वहीं जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जब वे वहां शोक व्यक्त करने गए थे तो वहां मौजूद कुछ महिलाओं ने कहा कि कमला की मौत एक सुहागन के रूप में हुई, जो हर महिला की इच्छा होती है। वहीं पत्नी की मौत के कुछ घंटों बाद ही पति का भी स्वर्ग सिधार जाना उनके आपस के प्रेम, लगाव और साथ जीने मरने की कसम की जिंदा मिसाल कायम हो गई।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक