सचिवालय पहुंचे मीणा, दो घंटे तक हुई पूछताछ, निदेशक देशराज अंडरग्राउंड
हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में अब तक इस परिजनों, कर्मचारियों, अधिकारियों समेत 35 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं, वीरवार को सचिवालय में कॉरपोरेशन के एमडी रहे हरिकेश मीणा से दो घंटे तक पूछताछ की गई।हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में जांच अधिकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने वीरवार को सचिवालय में कॉरपोरेशन के एमडी रहे हरिकेश मीणा से दो घंटे तक पूछताछ की। वीरवार को उन्हें अपनी बात रखने के लिए सचिवालय बुलाया गया था। जांच अधिकारी ने उनसे पेखूबेला सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट ऊना पर उठ रहे सवालों को लेकर भी पूछा। पावर प्रोजेक्ट परियोजनाओं के लेनदेन के बारे में भी जानकारी जुटाई। पावर कॉरपोरेशन कर्मचारियों और पूर्व अधिकारियों की ओर से जयपुर कोठी को लेकर लगाए गए आरोपों के बारे में भी सवाल किए।वहीं पावर कॉरपोरेशन के निदेशक देशराज अंडरग्राउंड है।
उनका फोन भी बंद है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के लौटने पर जांच अधिकारी उन्हें जांच रिपोर्ट सौंपेंगे। अब तक इस मामले में परिजनों, कर्मचारियों, अधिकारियों समेत 35 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि मीणा ने जांच अधिकारी को बताया कि कभी भी कर्मचारियों और अधिकारियों पर काम का बोझ नहीं डाला गया। पावर प्रोजेक्टों के संबंधित कार्य रुटीन में हो रहे थे। कर्मचारियों और अधिकारियों को दिए गए दायित्व के अलावा दूसरा काम करने को किसी को भी बाध्य नहीं किया गया। विमल नेगी ने परेशानी की कोई बात साझा नहीं की। उनके पास अंत में फाइल आती थी।ल्लेखनीय है कि जांच अधिकारी ने तीन बार विमल नेगी समेत अन्य कर्मचारियों के कार्यालय में आने-जाने की फुटेज खंगाली है। बारी-बारी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी जानकारी हासिल की। बता दें कि चीफ इंजीनियर का शव बरामद होने के बाद से सरकार ने आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को एमडी पद से हटाकर छुट्टी पर भेज दिया है। निदेशक देशराज के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज की है। विमल नेगी की मौत को लेकर परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि नेगी पर मानसिक दबाव था। कर्मचारियों ने भी इसी तरह की बात कही है।
विमल गुप्ता पर था गलत कार्य करने का दबाव : ग्रोवर
एआईपीईएफ (अखिल भारतीय विद्युत अभियांत्रिकी महांसघ ) के संरक्षक और एचपीएसएलडीसी के पूर्व एमडी सुनील ग्रोवर ने भी विमल नेगी से संबंधित जांच अधिकारी ओंकार शर्मा को शपथपत्र सौंपा है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी विवादों में उलझे रहे हैं। चीफ इंजीनियर विमल नेगी ईमानदार अधिकारी रहे हैं। उनके पास एचपीपीसीएल में व्यापत भ्रष्टाचार को सामने लाने के लिए अंतिम बलिदान देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के समय और लागत में वृद्धि का मुख्य कारण पिछले तीन वर्षों के दौरान एचपीपीसीएल के प्रबंधन का व्यापक भ्रष्टाचार और उदासीन रवैया रहा है।