शूटर स्वप्निल कुसाले ने दिलाया पेरिस ओलिंपिक में भारत को तीसरा कांस्य पदक

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पेरिस ओलंपिक के छठे दिन भारत के शूटरों ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। 50 मीटर एयर राइफल 3-पोजीशन में शूटर स्वप्निल कुसाले ने भारत की झोली में कांस्य पदक के रूप में तीसरा पदक डालने में सफलता हासिल की। कुसाले ने अपने ओलंपिक डेब्यू में 451.4 स्कोर के साथ संघर्षपूर्ण जीत दर्ज की।क्वालिफिकेशन राउंड में वह 7वें स्थान पर रहे थे। मगर आज उन्होंने अपने प्रदर्शन में बेहतरीन सुधार किया। उन्होंने नीलिंग में 198, प्रोन में 197 और स्टैंडिंग 195 का स्कोर किया। कुसाले गुरुवार को भी भारत की करोड़ों उम्मीदों पर खरे उतरे और देश को मैडल दिला दिया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी चेक गणराज्य के शूटर के साथ सांस रोक देने वाला मुकाबला जीता।

स्वप्निल कुसाले ने फाइनल में कूल रहते हुए निशाने लगाए। फाइनल में एक समय वे छठे नंबर पर खिसक गए थे, लेकिन दबाव में बिखरने की बजाय महाराष्ट्र के इस शूटर ने अपना खेल ऊपर उठाया। उन्होंने धीरे-धीरे टैली में ऊपर उठना शुरू किया। कुछ देर तक स्वप्निल पांचवें नंबर पर ठहरे दिखे। इसके बाद चौथे नंबर पर आए और फिर तीसरे नंबर पर पहुंच गए। उस वक्त लग रहा था कि स्वप्निल सिल्वर या गोल्ड मेडल भी जीत सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। स्वप्निल का जीवन बड़ा संघर्षपूर्ण रहा है। वर्तमान में वह रेलवे में टीटीई की नौकरी करते हैं।29 साल के स्वप्निल कोलापुर महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव कंबलबाड़ी के रहने वाले हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में खेलना शुरू किया था। 2012 में उन्होंने पहला अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया। ठीक 12 वर्ष के बाद उन्होंने ओलंपिक में पेरिस का टिकट प्राप्त किया और यह कमाल कर दिखाया। चीन के शूटर ने इस स्पर्धा का गोल्ड मैडल हासिल करते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक