शिमला से पालमपुर शिफ्ट होगा सशस्त्र पुलिस एवं प्रशिक्षण मुख्यालय
सशस्त्र पुलिस एवं प्रशिक्षण मुख्यालय को शिमला से पालमपुर स्थानांतरित किया जाएगा और पुलिस विभाग के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उप-महानिरीक्षक इनटेलिजैंस का पद धर्मशाला से संचालित किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज कांगड़ा जिले के हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में परिविक्षाधीन पुलिस उप-अधीक्षक के 12वें बैच और उप-निरीक्षक के 8वें बैच की पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने पुलिस ध्वज फहराया और पुलिस की टुकडियों द्वारा भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली। पुलिस उप-अधीक्षक परिविक्षाधीन प्रणव चौहान ने परेड़ का नेतृत्व किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि परिविक्षाधीन पुलिस अधिकारियों के परिवारजनों के लिए आज गौरव का समय है, जो आज पास आउट हुए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज पास आउट हुए प्रशिक्षणार्थी राज्य की समर्पित भावना से अपनी सेवाएं देकर राज्य को देवभूमि बनाने में कारगार सिद्ध होंगे। अनुशासन हमारे व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि युवा पुलिस अधिकारियों को समाज व युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बन कर उभरना चाहिए। पुलिस बल में कार्य करना चुनौतीपूर्ण है लेकिन यह समुदाय में बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होता है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य पुलिस ने कोरोना महामारी के दौरान सराहनीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि अग्रिम पंक्ति के योद्धााओं के रूप में उन्होंने राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों की समुचित जांच सुनिश्चित की है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि कोई भी व्यक्ति राज्य में बिना उचित जांच और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किए प्रवेश नहीं कर सका। कोविड-19 महामारी के बावजूद पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह ने इन युवा अधिकारियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करके एक सराहनीय प्रयास किया है, जो महाविद्यालय के प्रधानाचार्य और अन्य अधिकारियों की प्रतिबद्धता और परिश्रम से ही संभव हो पाया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व में पुलिस का कार्य लोगों के प्रति अपराध की रोकथाम, अपराधियों को सजा देना होता था, लेकिन समाज के विस्तारीकरण से पुलिस के सामने नई चुनौतियां आई हैं। उन्होंने कहा कि विकासात्मक व कल्याणकारी गतिविधियां सफलतापूर्वक तभी पहुंचाई जा सकती हैं जब कानून एवं व्यवस्था की नींव मजबूत हो। उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति प्रशासन की कार्यप्रणाली और ढांचे को प्रभावित करती हैं, इसके अतिरिक्त बड़े सामाजिक और राजनीति बदलाव पर भी प्रभाव डालती है। प्रदेश सरकार ने राज्य में पुलिस आरक्षियों के एक हजार पदों को भरने के लिए भी मंजूरी प्रदान की है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। इस प्रक्रिया को शीघ्र ही पूरा किया जाएगा।




सशस्त्र पुलिस एवं प्रशिक्षण मुख्यालय को शिमला से पालमपुर स्थानांतरित किया जाएगा और पुलिस विभाग के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उप-महानिरीक्षक इनटेलिजैंस का पद धर्मशाला से संचालित किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज कांगड़ा जिले के हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में परिविक्षाधीन पुलिस उप-अधीक्षक के 12वें बैच और उप-निरीक्षक के 8वें बैच की पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने पुलिस ध्वज फहराया और पुलिस की टुकडियों द्वारा भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली। पुलिस उप-अधीक्षक परिविक्षाधीन प्रणव चौहान ने परेड़ का नेतृत्व किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि परिविक्षाधीन पुलिस अधिकारियों के परिवारजनों के लिए आज गौरव का समय है, जो आज पास आउट हुए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज पास आउट हुए प्रशिक्षणार्थी राज्य की समर्पित भावना से अपनी सेवाएं देकर राज्य को देवभूमि बनाने में कारगार सिद्ध होंगे। अनुशासन हमारे व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि युवा पुलिस अधिकारियों को समाज व युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बन कर उभरना चाहिए। पुलिस बल में कार्य करना चुनौतीपूर्ण है लेकिन यह समुदाय में बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होता है।