Third Eye Today News

शिमला में भूस्खलन से बाप-बेटी और कोटखाई में बुजुर्ग की मौत; आज छह जिलों में रेड अलर्ट

Spread the love

 हिमाचल में भारी बारिश जारी है। आज छह जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट है। नौ जिलों में शिक्षण संस्थान बंद हैं। चार नेशनल हाईवे समेत 662 सड़कें बंद हैं। शिमला के जुन्गा में भूस्खलन से बाप-बेटी की मौत हो गई, जबकि कोटखाई में बुजुर्ग महिला ने मलबे में दबने से दम तोड़ दिया।हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश की वजह से जुन्गा तहसील में पटवार सर्कल डबलू के उप मोहाल जोत में एक घर भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में पिता और पुत्री की मौत हो गई है।

घटना में मृतक की पत्नी बाल-बाल बच गई, क्योंकि वह उस समय घर के बाहर थीं। मामले की सूचना मिलते ही अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश और अवरुद्ध सड़कों के कारण बचाव अभियान जारी है।

उधर, शिमला के कोटखाई में भी भूस्खलन हुआ है। कोटखाई के चोल गांव में एक मकान भूस्खलन के कारण ढह गया। मलबे में दबने से बुजुर्ग महिला कलावती पत्नी बालम सिंह की मौत हो गई।

हिमाचल में भारी बारिश, आज 6 जिलों में रेड अलर्ट, नौ जिलों में शिक्षण संस्थान बंद
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में रेड अलर्ट के बीच रविवार को दिनभर हुई जोरदार बारिश और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और कई जगह वाहन मलबे में दब गए हैं। प्रदेश में चार नेशनल हाईवे समेत 662 सड़कें बंद हैं। 985 बिजली के ट्रांसफार्मर और 495 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं।

प्रदेश के तीनों हवाईअड्डों कांगड़ा, शिमला और कुल्लू में कोई उड़ान नहीं हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के छह जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में सोमवार को भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।

खराब मौसम को देखते हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर जिलों में संबंधित प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंगलवार को भी चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में रेड अलर्ट जारी किया है। रविवार को कुल्लू-मनाली, रामपुर-किन्नौर, सैंज-औट-लूहरी और पांवटा-शिलाई एनएच भूस्खलन से बंद रहे।

शिमला में रविवार को भारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। हाईकोर्ट के पास चलती कार पर बिजली का खंभा गिर गया। गनीमत रही कि कार सवार को कोई चोट नहीं लगी। शिमला के सुन्नी में हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस पर पहाड़ी से मलबा आ गिरा। शिमला के विकासनगर में भूस्खलन में दो गाड़ियां दब गईं।

सैकड़ों कनाल उपजाऊ जमीन बर्बाद
कुल्लू के नग्गर नाला में बाढ़ में दो व्यक्ति फंसे रहे। उन्हें रेस्क्यू किया गया। ऊना में कुड, हरोट, घढ़थोली और क्यारियां गांव में कई घर खतरे में आ गए। इससे सैकड़ों कनाल उपजाऊ जमीन बर्बाद हो गई। कांगड़ा में भारी बारिश के बीच 14 और हमीरपुर में तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

भरमौर-पठानकोट हाईवे जगह-जगह बाधित
सिरमौर में भारी बारिश से गिरि नदी का जलस्तर बढ़ने से जटौन बैराज के 9 और 10 नंबर गेट से 9 इंच पानी छोड़ा गया। भारी बारिश से कंडेला अंबीवाला में घराट बह गया। सड़कें बंद होने से पांगी के बच्चों और महिलाओं समेत 32 लोग अभी लाहौल के त्रिलोकीनाथ मंदिर की सराय में फंसे हुए हैं। भरमौर-पठानकोट हाईवे जगह-जगह बाधित है।

चंबा के कंगेला गांव में पहाड़ी दरकने से दर्जनों मकान खतरे में हैं। कुल्लू में ब्यास नदी के साथ सरवरी खड्ड, तीर्थन नदी, पिन पार्वती, पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कांगड़ा जिले में पौंग बांध से रविवार को 1.10 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया।

अगस्त में कुल्लू में 162 फीसदी अधिक बादल बरसे, इस सप्ताह चंबा में 589 फीसदी अधिक बारिश
हिमाचल में अगस्त में सामान्य से 72 फीसदी अधिक बादल बरसे। 1 से 31 अगस्त तक 256 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस बार 440 मिमी बारिश दर्ज हुई। जिला कुल्लू, चंबा, शिमला, सोलन और ऊना में 100 फीसदी से भी अधिक बादल बरसे। जिला कुल्लू में सामान्य से 162, शिमला में 126, ऊना में 121, सोलन में 118, चंबा में 104, बिलासपुर में 89, मंडी में 72, हमीरपुर में 55, सिरमौर में 38, कांगड़ा में 29, लाहौल-स्पीति में 26 और किन्नौर में 8 फीसदी अधिक बारिश हुई।

24 से 31 अगस्त तक साप्ताहिक वर्षा की बात करें तो जिला चंबा में सबसे ज्यादा 589, कुल्लू में 458, बिलासपुर में 255, लाहौल-स्पीति में 369, शिमला में 349, मंडी में 235, ऊना में 261, सोलन में 232, किन्नौर में 206, हमीरपुर में 193, कांगड़ा में 155 और सिरमौर में 140 फीसदी बारिश हुई है। इस सप्ताह पूरे प्रदेश में सामान्य से 291 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। 24 से 31 अगस्त 2025 के बीच प्रदेश में औसत वर्षा 42.4 मिलीमीटर होती है, जबकि इस दौरान वास्तविक वर्षा 165.6 मिलीमीटर दर्ज की गई।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक