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वृद्धाश्रम को ग्रांट न मिलने पर राज्यपाल सख्त, मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब

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राज्य सरकार के बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को ईलाज और कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं मिलने पर राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है।

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव के साथ यह मामला उठाया था। मीडिया में आई ख़बरों ने राज्यपाल को व्यथित कर दिया कि वृद्धाश्रम के बुजुर्गों को दवा-इलाज और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। राजभवन ने मुख्य सचिव को इस मामले की छानबीन कर विस्तृत ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं।

अजय श्रीवास्तव के अनुसार पहले बसंतपुर का वृद्धाश्रम राज्य सोशल वेलफेयर बोर्ड चलाता था। इसके लिए प्रदेश सरकार को ग्रांट-इन-एड देती थी। जनवरी 2024 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय राज्य सोशल वेलफेयर बोर्ड बंद कर राज्यों को भी अपने सोशल वेलफेयर बोर्ड समाप्त करने को कहा था। इसके बाद वृद्धाश्रम के संचालन का दायित्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत एससी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक निदेशालय के पास आ गया।

 

हैरानी की बात यह है कि सरकार ने वृद्धाश्रम के लिए अन्य संस्थानों की तर्ज पर बजट आवंटित करने की बजाय ग्रांट-इन-एड पर ही रखा। जबकि मशोबरा स्थित बालिकाश्रम और टूटीकंडी का बालाश्रम 1996 में राज्य सोशल वेलफेयर बोर्ड से वापस लेकर उन्हें ग्रांट देने की जगह बजट आवंटित करना शुरू किया था। इसलिए वहां इस तरह की कोई परेशानी पेश नहीं आती।उमंग फाउंडेशन की मांग है कि वृद्धाश्रम को सरकार बजट आवंटित करे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक