विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति का आयोजन
कंडाघाट। हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति (HGVS) की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर राजकीय महिला पॉलिटेक्निक संस्थान कंडाघाट और विभिन कालेजों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करना और विशेष रूप से युवाओं में इससे जुड़ी चुनौतियों पर संवाद स्थापित करना रहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के प्रभारी जसपाल सिंह ने की। उन्होंने समिति की राज्य एवं जिला सोलन इकाई से पहुंचे सभी सदस्यों और स्रोत व्यक्तियों का स्वागत किया। इस अवसर पर समिति के राज्य सचिव ने कहा कि आज के दौर में छात्र और युवा वर्ग पढ़ाई, परिणाम, करियर, रोजगार और पारिवारिक दबाव जैसी चिंताओं के कारण मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। इन चिंताओं का एक हिस्सा युवाओं को नशे की ओर भी धकेल रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी दिशा में समिति ने “युवा बचाओ अभियान” शुरू किया है, जिसके तहत युवाओं को नशे से दूर रखने और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए DoST (Disseminator of Scientific Temperament) तैयार किए जा रहे हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद समिति इस गंभीर मुद्दे पर “The WHITE Truth” नामक वेब सीरीज़ भी बना रही है, जो समाज में जागरूकता बढ़ाने की एक नई पहल है।
सेवानिवृत्त मनोवैज्ञानिक डॉ. रवि भूषण ने छात्रों से संवाद करते हुए मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मादक द्रव्यों का सेवन मस्तिष्क की रासायनिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है और डोपामिन स्राव, रिवॉर्ड सिस्टम एवं न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन जैसी दिक्कतें उत्पन्न करता है। उन्होंने PERMA मॉडल के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को सरल ढंग से समझाया और कहा कि आनुवंशिक प्रवृत्ति, पर्यावरण, जीवनशैली और मनोवैज्ञानिक कारक इस पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
एडवोकेट राजीव शर्मा ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कानूनी पेचीदगियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कानूनी और जेल प्रक्रियाएं कई बार व्यक्ति को अपराधी मानसिकता की ओर ले जाती हैं। इसलिए समाज में प्रारंभिक हस्तक्षेप और भावनात्मक दृढ़ता बढ़ाने की जरूरत है।
सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रविंद्र शर्मा ने कहा कि मानसिक रोगों से जुड़े कलंक को समाप्त करने के लिए समाज में खुली चर्चा और सामुदायिक सहयोग को प्रोत्साहित करना आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंत में उर्मिल ठाकुर ने संस्थान के प्रशासन और छात्राओं का सक्रिय भागीदारी के लिए आभार जताया।
इस मौके पर संस्थान के प्रधानाचार्य, राज्य सह सचिव सीता राम ठाकुर, सेवानिवृत्त डी.पी.ई. उर्मिल ठाकुर, स्वास्थ्य शिक्षक जयंत शर्मा, स्वास्थ्य सुपरवाइजर देवेंद्र शर्मा सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद रहे।