रोहड़ू में 12 साल के बच्चे के मौत मामले में एसपी शिमला से मिलने पहुंचे परिजन
रोहड़ू उपमंडल के जांगला क्षेत्र के लिंबड़ा गांव में 12 वर्षीय बच्चे की आत्महत्या के मामले को लेकर परिजन शिमला के पुलिस अधीक्षक (SP) से मिले। परिजनों ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने और उन्हें सख्त सजा देने की मांग उठाई है। साथ ही, परिवार ने अपनी सुरक्षा की भी गुहार लगाई है, यह कहते हुए कि उन्हें जान का खतरा है।
मृतक बच्चे के पिता बिट्टू कुमार ने बताया कि उनका बेटा पड़ोस की दुकान पर सामान लेने गया था, लेकिन दुकान बंद थी। उसने आवाज लगाई तो वहां एक महिला आई और बिना कुछ सुने बच्चे को थप्पड़ मार दिया। बच्चे ने कहा कि वह सिर्फ सामान लेने आया था, लेकिन महिला ने उसकी बात नजरअंदाज कर उसे गौशाला में बंद कर दिया।
पिता के अनुसार, गौशाला से बाहर आने के बाद बच्चे ने घर जाकर मां को पूरी घटना बताई। बच्चे ने कहा कि महिला ने धमकी दी थी कि जब तक उसका पिता “बकरा” नहीं देगा, तब तक उसे नहीं छोड़ा जाएगा। महिला ने यह भी कहा कि बच्चे ने उनके घर को छू लिया है। इस घटना से बच्चा बेहद डर गया और उसने जहर खा लिया। परिवार को यह भी नहीं पता कि बच्चे ने जहर कहां से लिया।
बच्चे के चाचा ने बताया कि यह घटना 16 सितंबर की है। उन्हें उसी दिन महिला का फोन आया था, जिसमें उसने कहा कि उनके भाई का बेटा उसके घर में घुस आया है और उसे गौशाला में बंद कर दिया गया है। थोड़ी देर बाद महिला ने फिर फोन कर बताया कि लड़का कहीं चला गया है। शाम को बच्चा घर लौटा और नीचे उसने घटना बताई। इसी दौरान उसने कुछ खा लिया था, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिवार उसे पहले रोहड़ू अस्पताल और फिर आईजीएमसी शिमला ले गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप है कि स्थानीय स्तर पर कुछ लोग आरोपी महिला को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पहले भी निचली जाति के लोगों के साथ इस तरह के भेदभावपूर्ण मामले सामने आ चुके हैं। परिवार ने एसपी शिमला से निष्पक्ष जांच और सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।