मोदी सरकार का बजट सर्वसमावेशी, हिमाचल के विकास को देगा नई गति: बिंदल
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट देश के संपूर्ण विकास का बजट है। यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बजट में किसान, बागवान, गरीब, युवा और महिलाएं सभी को लाभ मिलेगा, वहीं आधारभूत ढांचे के विकास को भी बड़ी प्राथमिकता दी गई है।
डॉ. बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के दृष्टिकोण से यह बजट अत्याधुनिक और शानदार है। केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में फोरलेन हाईवे, सुरंगों, ओवरब्रिज और रेलवे विस्तार जैसे बुनियादी ढांचा विकास कार्यों के लिए अभूतपूर्व राशि स्वीकृत की गई है।रेलवे विस्तार के लिए 2716 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो 2024-25 के 2698 करोड़ रुपये से अधिक है।बिलासपुर तक रेललाइन मार्च 2027 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ा दिया गया है, जिससे हिमाचल में पेयजल सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा।प्रधानमंत्री आवास योजना, निशुल्क अन्न योजना और आयुष्मान भारत योजना का सबसे अधिक लाभ हिमाचल प्रदेश को मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश एक कर्मचारी बहुल राज्य है, जहां लगभग 3 लाख सरकारी कर्मचारी और 1 लाख सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी हैं। मोदी सरकार के इस बजट में इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी गई है।12.75 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह टैक्स फ्री कर दी गई है।यह राहत सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि निजी क्षेत्र के कर्मचारी, छोटे दुकानदार, ठेकेदार, अधिवक्ता और चिकित्सक भी इसका लाभ उठा सकेंगे।कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इनकम टैक्स फ्री सीमा सिर्फ 2.5 लाख रुपये थी, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है।
डॉ. बिंदल ने बताया कि 2014 से 2024 के बीच मोदी सरकार ने हिमाचल को कांग्रेस सरकार की तुलना में 4 गुना अधिक सहायता दी है। 2004-2014 में कांग्रेस सरकार के दौरान टैक्स फ्री हिस्सा – 12,639 करोड़ रुपये2014-2024 में मोदी सरकार के दौरान टैक्स फ्री हिस्सा – 54,662 करोड़ रुपये,2004-2014 में कांग्रेस सरकार द्वारा हिमाचल को ग्रांट इन एड – 50,298 करोड़ रुपये,2014-2024 में मोदी सरकार द्वारा हिमाचल को ग्रांट इन एड – 1,41,619 करोड़ रुपये (182% अधिक) है।