मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना से प्रदेश के लगभग 6000 अनाथ बच्चे लाभान्वित होंगेः मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग 6000 अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा। यह बात उन्होंने शनिवार देर सायं मंडी परिधि गृह में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इन बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ के रूप में अपनाने का निर्णय लिया है। योजना के अन्तर्गत उनकी उच्च शिक्षा, जेब खर्च, स्वरोजगार तथा घर निर्माण के लिए तीन बिस्वा भूमि सहित तीन लाख रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने लगभग दो माह के कार्यकाल में व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र लाभार्थी तक पहुंचाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में प्रदेश सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगा। वर्तमान सरकार योजनाओं की घोषणा करने से पहले आवश्यक बजट का प्रावधान कर रही है। सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया है और सभी 10 गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने शिवधाम और मंडी हवाई अड्डे के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं किया था। लेकिन वर्तमान सरकार पूर्व सरकार की सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी पूरा करेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिला मण्डी के साथ-साथ प्रदेश भर के लोगों से उन्हें भरपूर स्नेह और सम्मान मिल रहा है और इसके लिए वह सभी के आभारी हैं।
सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी इस अवसर पर सम्बोधित किया और मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों ने भी मुख्यमंत्री को सम्मानित किया।
इससे पूर्व सुंदरनगर से मंडी तक विभिन्न स्थानों पर लोगों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, विधायक चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंपा ठाकुर, चेत राम ठाकुर, पवन ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक