मंडी में बादल फटा, पुल टूटे, हाईवे बंद – बारिश से रातभर हड़कंप, 7 लापता, एक की मौ..त
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सोमवार देर रात से लेकर मंगलवार सुबह तक जिला में हर कोने से नुकसान की सूचनाएं आ रही हैं। मुख्यालय से लेकर दूरस्थ इलाकों तक कहीं घर ढहे, तो कहीं पानी लोगों के घरों में घुस गया। बारिश ने मंडी की नींद उड़ा दी, पूरा जिला रात भर जागता रहा।
बारिश का सबसे खौफनाक चेहरा करसोग और गोहर में सामने आया। करसोग में बादल फटने की घटनाओं ने कहर बरपाया। एक व्यक्ति की जान चली गई, जबकि गोहर उपमंडल के स्यांज क्षेत्र में एक घर नाले की बाढ़ में बह गया। मां-बेटी को समय रहते बचा लिया गया, लेकिन उसी परिवार के सात अन्य सदस्य लापता बताए जा रहे हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं।
उधर,चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे को भी यातायात के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पंडोह बाजार में भी भयावह स्थिति देखने को मिली, जहां जलभराव के चलते लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। ब्यास नदी और अन्य नाले-खड्डें पूरी तरह उफान पर हैं। पंडोह डैम का जलस्तर 2922 फीट तक पहुंच चुका है, जबकि 2941 फीट को खतरे का निशान माना जाता है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए डैम से डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी का पानी मंडी शहर के ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर तक पहुंच गया।
बारिश से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है, वहीं सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पटी करी पावर प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचने की सूचना है। बाखली और कुकलाह पुल टूटने से कई क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह कट गया है। जिला प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए देर रात को ही शैक्षणिक संस्थानों को मंगलवार को भी बंद रखने का निर्णय लिया था। डीसी मंडी ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और नदी-नालों के पास जाने से बचें। फिलहाल बारिश का दौर जारी है और जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है।