बीबीएन गोलीकांड को कबाड़ माफिया का संरक्षण : बिंदल

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शिमला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा देवभूमि हिमाचल में क्राइम की घटनाओं ने प्रदेश को दहला दिया है। बीबीएन में बंदूक से शूटिंग की घटना ने शूटिंग प्रकरण को एक नया मोड़ दे दिया है। प्रदेश में गुंडातत्व भाईमुक्त है पूरे प्रदेश में सरकार का भय नहीं है, केवल सामान्य व्यक्ति, कर्मचारी, दुकानदारों को भय है।
बीबीएन मैं जो गोलियां चली है वह कबाड़ माफिया के संरक्षण में चली है, हिमाचल प्रदेश खनन, कबाड़, चिट्टा, शराब माफिया के गिरफ में है, इन सभी माफिया को कांग्रेस सरकार का संरक्षण है।
बीबीएन में 1000 लोगों के सामने मैच देखते हुए गोलियां चलना, बिलासपुर में डीसी, एसपी, न्यायलय के बाहर गोलियां चलना और प्रदेश में 1 माह में 5 से जायदा गोलीकांड प्रदेश के लिया खतरे की घंटी है। सवाल यह है की इन घटनाओं पर किसकी निगरानी और चौकसी है ?

उन्होंने कहा कि इस घटना में एक बात गंभीर है, बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जमवाल एवं दून के विधायक एवं सीपीएस ने डीसी और एसपी को पहले ही सूचित कर दिया था कि इन क्षेत्रों में इलीगल आर्म्स वाले लोग पाए गए है और फिर भी सूचना को लेकर प्रशासन ने कोई भी कार्यवाही नहीं कि यह दिखाता है कि सरकार को का इन लोगों पर पूरा संरक्षण है।

बिंदल ने तकरीबन 20 ऐसी घटनाओं का जिक्र किया जिसमें स्थानीय लोगों, विदेशी नागरिक, टैक्सी चालक, व्यापारियों, महिलाओं की हत्या हुई। यह घटाएं 1 जून से 30 जून के बीच हुई हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि डेढ़ साल से सरकार हाथ पैर हाथ डालकर बैठी है और हिमाचल की स्थिति भयानक एवं भयभीत हो गई है। क्या हम नालागढ़ को माफिया का अड्डा बनाना चाहते हैं ? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र हिमाचल प्रदेश जनमानस और उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहा है, सरकार स्वयं कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने फूड, एक्साइज, लेबर इंस्पेक्टर देहरा, नालागढ़, हमीरपुर में दहशत फैलने को लगा रखे है। चालान पर चालान हो रहे है, मुख्यमंत्री का मित्रों का टोला प्रधानों, बीडीसी सदस्यों के रिश्तेदारों की टास्फर कर रहा है। यह सरकार धक्के से चुनाव को हाइजैक करना चाहती है। 10 जून के बाद मुख्यमंत्री के लाभार्थी दोस्त चुनाव भी से गायब हो जाएंगे। जारीकर्ता कर्ण नंदा मीडिया प्रभारी भाजपा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक