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प्रदेश के लाखों बागवानों को सीजन में महंगी मिलेगी सेब पैकिंग सामग्री

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हिमाचल प्रदेश के लाखों बागवानों को सीजन में सेब पैकिंग सामग्री महंगी मिलेगी। कोविड काल में पिछले साल भले ही कार्टन के रेट नहीं बढ़ाए गए थे, लेकिन इस साल बागवानों को कार्टन खरीदने के लिए और जेब ढीली करनी पड़ेगी। इस साल सेब की करीब तीन करोड़ पेटी सेब की पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कार्टन उत्पादकों ने प्रदेश के सेब बागवानों की मांग के कार्टनों की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी है। इस बार खुले बाजार में मिलने वाले सेब कार्टनों के रेट में 12 से 14 रुपये की वृद्धि की गई है। पिछले साल बागवानों को बीस किलो का कार्टन 40 से 58 रुपये में बेचा गया था।

फाइल फोटो

इस बार बागवानों को वही कार्टन 52 से 70 रुपये में मिल रहा है। इन कार्टनों के कागज की गुणवत्ता के हिसाब से दाम वसूले जा रहे हैं। कई कंपनियां अपने हिसाब से कार्टन के दाम वसूलते हैं जबकि ये कंपनियां सरकारी एजेंसियों के माध्यम से कार्टन बेचने से परहेज करते रहे हैं। इसी तरह से सेब पैकिंग की सौ ट्रे के बंडलों में भी उत्पादकों ने सौ रुपये तक बढ़ोतरी की है। जो सेब पैकिंग ट्रे का बंडल पिछले साल 525 रुपये में बेचा जा रहा था, उसी ट्रे का बंडल इस बार बागवानों को 625 से 650 रुपये में बेचा जा रहा है।


सेब उत्पादक बागवानों का कहना है कि कार्टन उत्पादक दलील दे रहे हैं कि उनको पहले सस्ती दरों में कार्टन और पैकिंग ट्रे बनाने के लिए सस्ती दरों में कागज मिल जाता था, लेकिन इस बार यह कागज महंगा मिल रहा है।

हिमाचल प्रदेश सब्जी एवं उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान कहते हैं कि सेब सीजन 15 जून से आरंभ हो जाएगा। इस बार कार्टनों और पैकिंग ट्रे महंगे दामों पर मिल रहे हैं। उत्पादक दलील दे रहे हैं कि कच्चा माल महंगा हो गया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक