नौणी विवि के छात्रों और फैकल्टी ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में जीते 4 पुरस्कार

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डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के वनस्पति विज्ञान विभाग के छात्रों और शिक्षकों ने हाल ही में आयोजित ‘सतत विकास के लिए सब्जी उत्पादन में नए अवसर’ विषय पर आयोजित स्वर्ण जयंती राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया। संगोष्ठी का आयोजन भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में किया गया था जिसमें सब्जी फसलों पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) के सभी केंद्रों ने भाग लिया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में एआईसीआरपी के सोलन केंद्र में कार्यरत सात वैज्ञानिकों और विश्वविद्यालय के 25 एमएससी और पीएचडी छात्रों ने भाग लिया। पांच तकनीकी सत्रों में विचार-विमर्श हुआ और सभी सत्रों में पोस्टर प्रस्तुतियां हुईं। विश्वविद्यालय की टीम ने चार तकनीकी सत्रों में पुरस्कार जीते।

इम्पा, डॉ. रमेश कुमार और डॉ. वाई॰आर शुक्ला द्वारा सब्जी प्रजनन के लिए नवीन तकनीकों थीम पर प्रस्तुत पोस्टर में दूसरा पुरस्कार जीता, जबकि डॉ. राजीव, डॉ. आंचल, डॉ. रीना और डॉ. शिवानी ने ‘समावेशी सब्जी विकास के लिए सीमांत किसानों तक पहुंचना’ थीम पर आधारित पोस्टर प्रस्तुति के लिए भी दूसरा पुरस्कार जीता। नितिन यादव, डॉ. कुलदीप ठाकुर, डॉ. डी.के. मेहता और डॉ. वाई.आर. शुक्ला द्वारा सब्जी फसलों के गुणवत्तापूर्ण बीज और रोपण सामग्री थीम पर उनकी पोस्टर प्रस्तुति के लिए तीसरा पुरस्कार मिला। कुलदीप बोंडे, डॉ. अभय वाघ और अनामिका वालिया द्वारा प्रस्तुत सब्जी उत्पादन प्रणाली और मूल्यवर्धन थीम पर प्रस्तुत पोस्टर को तीसरा स्थान मिला। कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल, विश्वविद्यालय के वैधानिक अधिकारियों ने छात्रों और शिक्षकों को राष्ट्रीय संगोष्ठी में उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक