नवजात बच्चों की संपूर्ण देखभाल को सुनिश्चित करेगा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इनक्यूबेटर

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नवजात बच्चों के लिए इनक्यूबेटर तो अब तक कई बने हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी ने एक ऐसा इनक्यूबेटर बनाया है जो सभी सुविधाओं को एक साथ देने वाला है। साथ ही नवजात बच्चों की देखभाल में आने वाली सभी चुनौतियों का समाधान है। इसकी इन्ही खूबियों के चलते यह प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड बायो डिजाइन इनोवेटर्स गैराज कार्यक्रम के लिए भी चयनित हुआ है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे स्मार्ट कंट्रोल सुविधा इंटरनेट कनेक्शन के साथ दुनिया में कहीं से भी रिमोट एक्सेस के साथ एप के जरिये संचालित किया जा सकता है। यह नवजात बच्चों की संपूर्ण देखभाल को सुनिश्चित करेगा, क्योंकि यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।

इसे आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गजेंद्र सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सत्वशील रमेश पोवार और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बीटेक तृतीय वर्ष के केशव वर्मा ने विकसित किया है। इसे एक बहुक्रियाशील नवजात इनक्यूबेटर के रूप में डिजाइन किया गया है जो नवजात शिशुओं के परिवहन और महत्वपूर्ण देखभाल प्रदान करने में आने वाली चुनौतियों का एक अनूठा समाधान प्रदान करता है। पारंपरिक इनक्यूबेटरों के विपरीत यह उपकरण एक स्टैंडअलोन वार्मर और एक इनक्यूबेटर  दोनों के रूप में काम करता है, जो प्रत्येक शिशु की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुकूल है।

इस इनक्यूबेटर की प्रमुख विशेषताओं की बात करें तो यह मजबूत एल्यूमीनियम फ्रेम से  उच्च पोर्टेबिलिटी  सुनिश्चित करता है, जिससे सामान्य चार पहिया वाहनों का उपयोग करके परिवहन की अनुमति मिलती है। तापमान को यह 35 डिग्री सेल्सियस से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखता है। आर्द्रता 50 प्रतिशत से 70 प्रतिशत के बीच बनाए रखता है। यह एक वयस्क एंबुलेंस में उपलब्ध सभी जांचों तक पहुंच प्रदान करता है। इससे बच्चे को ले जाने के लिए किसी भी एंबुलेंस के उपयोग की सुविधा मिलती है। यह एंड्रॉयड, आईओएस एप के माध्यम से बच्चे की निरंतर वीडियो निगरानी सक्षम करता है। इसमें पीलिया से निपटने के लिए प्लग-एंड-प्ले फोटोथेरेपी किट शामिल है।
आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर डॉ. गजेंद्र सिंह ने कहा कि हमारा नया अविष्कार सुविधा से परे तक फैला हुआ है। यह उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को संबोधित करता है, जहां उन्नत चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच सीमित है। हिमाचल प्रदेश जैसे क्षेत्र जहां चरम मौसम की स्थिति और ऊबड़-खाबड़ इलाका स्वास्थ्य देखभाल वितरण के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करता है, हमारा उपकरण तत्काल देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात शिशुओं के लिए एक जीवन रेखा प्रदान करने वाला है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक