नई खेल नीति का उद्देश्य खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देना: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि ओलम्पिक, शीतकालीन ओलम्पिक तथा पैरालम्पिक प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसी प्रकार रजत पदक विजेताओं को अब 2 करोड़ रुपये के स्थान पर 3 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपये के स्थान पर 2 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एशियाई खेलों तथा पैरा एशियाई खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए स्वर्ण पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए इसे 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये कर दिया गया है। रजत पदक विजेताओं को अब 30 लाख रुपये के स्थान पर 2.50 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये के स्थान पर 1.50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त राष्ट्र मण्डल खेलों तथा पैरा राष्ट्र मण्डल खेलों में गौरव हासिल करने वाले खिलाड़ियों को भी संशोधित पुरस्कार योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए 50 लाख रुपये के स्थान पर 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये के स्थान पर 2 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये की जगह 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नई खेल नीति का उद्देश्य खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है। पुरस्कार राशि में यह वृद्धि राज्य सरकार की खेलों को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि इस पहल से न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को और अधिक अवसर प्राप्त होंगे जो राज्य में खेलों के समग्र विकास में योगदान देगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक