देश में चल रही तुष्टिकरण की राजनीति : टंडन

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• अंग्रेज फूट डालो और शासन करो की नीति पर चलते थे अब विपक्षी दल चल रहे है
• जातिगत जनगणना केवल राजनीतिक लाभ के लिए
• मोदी सरकार की एक ही नीति सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास

शिमला, भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन ने कहा की देश के अंदर जिस तरीके से जो तुष्टिकरण की राजनीति को आगे बढ़ाया जा रहा है, जातीय जनगणना जिसका कार्य को बिहार सरकार ने शुरू किया हैं।
ऐसा देश के अंदर पहली बार हुआ है, कि किसी राज्य ने इस कार्य को करने के लिए यह जनगणना करी। जातिगत जनगणना आज से पहले हमारे देश के अंदर नहीं होती थी, इसको वहां किया गया उसका क्या कारण है,उसके क्या तथ्य है, उसका नतीजा क्या निकलेगा, उससे विपक्षी दल क्या पाना चाहते है ? यह बहुत बड़ा सावल है।
इस निर्णय से हमारे देश की इकट्ठा को चुनौती मिली है, यह तय है।

उन्होंने कहा ऐसा अंग्रेज करते थे फूट डालो और शासन करो अब बिहार से नीतीश सरकार ने इसका आगाज किया है। तमाम कांग्रेस पार्टी के नेता और उनके घटक दल इसकी वह वही लूटने का काम कर रहे हैं और जातीय जनगणना कि राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
ऐसा लग रहा है कि विपक्षी दल आजादी से पहले अंग्रेजों की नीति पर चल रहे हैं।

उन्होंने कहा अब हर राज्य में ऐसा होगा और यह इतना मुश्किल कार्य होगा, इसमें कितनी समस्या आएगी यह वह समझ नहीं पा रहे हैं। केवल राजनीतिक लाभ के लिए वह इस प्रकार का कार्य कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने पूरे देश में एक नजर से एक समान कार्य किया। सड़क,गैस, बिजली एवं सभी वर्गों को एक समान विकास दिय, कोई भी योजना या वर्ग यह नहीं देखा कि कौन से वर्ग, क्षेत्र, समुदाय को उसका लाभ पहुंच रहा है। इसलिए मोदी जी की एक ही नीति है सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास।

उन्होंने कहा कि वर्तमान हिमाचल प्रदेश की सरकार के 10 महीने निराशाजनक रहे हैं, कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। चंबा हत्याकांड, हमीरपुर में महिला उत्पीड़न, बद्दी में फायरिंग, उन्ना में खनन माफिया, सिरमौर में माफिया राज और पूरे प्रदेश में अपराधों में वृद्धि चिंता का विषय है। सुक्खू राज में हर व्यक्ति असुरक्षित महसूस कर रहा है। बाकी उनके झूठी गारंटीयों के बारे में तो सब जानते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक