दिल्ली का प्रदूषण बढ़ा, शुद्ध आबोहवा के लिए हिमाचल पहुंच रहे सैलानी

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दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण ने दिल्लीवासियों को चिंता में डाल रखा है। प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है, जबकि कई दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था लागू की गई है। दिल्लीवासियों के लिए प्रदूषण से राहत पाना मुश्किल हो गया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग दिल्ली छोड़कर हिमाचल प्रदेश की वादियों की तरफ रुख कर रहे हैं। खासतौर पर फैमिली ट्रिप पर आने वाले सैलानियों की संख्या में इस समय तेजी से इजाफा हुआ है।राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों शिमला, मनाली, कुल्लू, डलहौजी, चायल और धर्मशाला में इस वीकेंड पर सैलानियों की भीड़ देखी जा रही है। इन स्थानों पर होटलों की ऑक्यूपेंसी 60 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा सिर्फ 20 प्रतिशत रहता था। पर्यटकों की अचानक बढ़ी हुई संख्या ने राज्य के पर्यटन उद्योग को नया जीवन दिया है और पर्यटन कारोबारियों में उत्साह देखा जा रहा है।

शिमला पुलिस के मुताबिक शुक्रवार रात 12 बजे से लेकर शनिवार रात 12 बजे तक लगभग आठ हजार गाड़ियां शिमला शहर में दाखिल हुईं। इनमें से अधिकांश गाड़ियां दिल्ली और अन्य बाहरी राज्यों से आई थीं। पर्यटकों की बढ़ी संख्या ने शिमला शहर के पार्किंग स्थलों को भी भर दिया है। यहां के ऐतिहासिक रिज मैदान तथा मालरोड पर सैलानियों की चहल-पहल देखी जा रही है। शिमला में पर्यटकों की भीड़ जुटने से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली के प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए लोग हिमाचल प्रदेश का रुख कर रहे हैं।

शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेक होल्डर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि वीकेंड पर शिमला में सैलानियों की आमद बढ़ी है। खासकर दिल्ली और एनसीआर से आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि होटलों में एडवांस बुकिंग भी बढ़ी है, जो स्थानीय पर्यटन उद्योग के लिए अच्छी बात है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक