राजगढ़ – देश में तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं एक तरफ कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के इंतजामों ने लोगों के खर्च में इजाफा किया है तो दूसरी तरफ तेल, खासतौर पर डीजल कि बढ़ती कीमतें महंगाई को बढ़ा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें एक्साइज और वेट इसलिए नहीं घटा रहे, क्योंकि उन्हें महामारी के दौरान घोषित राहत कार्यों के लिए कोष चाहिए। ऐसे में आम आदमी कि हालत पलती है, जिसके लिए तेल की बढ़ती कीमतें परेशानी का सबब बन रही हैं, क्योंकि सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग सीमित स्तर पर है और निजी वाहन का प्रयोग घर का बजट बिगाड़ रहा है।
समूचे देश में तेल के बड़े दामो को वापिस लेने के लिय शुक्रवार को राजगढ़ में सिरमौर जिले के महासचिव राजेन्द्र ठाकुर, विवेक शर्मा, दिनेश आर्य, अजय चौहन, अनुज ठाकुर, सुधीर ठाकुर, विकास ठाकुर, विक्रम, अखिल सहित अन्य युवा कार्यकर्ताओं ने उप –मंडलाधिकारी नागरिक नरेश वर्मा के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में जानकरी देते हुए बताया की वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रही/ग्रस्त जनता पर मोदी सरकार द्वारा निरंतर अभूतपूर्व उत्पाद शुल्क वृद्धि कर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम कम होने के बावजूद आमजन को महंगाई के बोझ तले दबाने का कुकृत्य किया है।
राजेन्द्र ठाकुर ने बताया की मई 2014 में जब भाजपा सरकार ने सत्ता सम्भाली उस समय पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20रु/प्रति ली० तथा डीजल पर 3.46रु/प्रति ली० था। गत छ: वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा इसे पेट्रोल पर 8.20% एवम डीजल पर 258% उत्पाद शुल्क वृद्धि कर पेट्रोल पर 23.78रु/प्रति ली० एवं डीजल पर 28.37रु/प्रति ली० अतिरिक्त भार लगातार आम जनता की कमर तोड़ दी गई है। केवल पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क बढ़ाकर ही मोदी सरकार ने गत छ: वर्षों में 1800000 करोड़ रुपये की कमाई की है | हाल ही में 5 मार्च 2020 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि की जा रही है जिससे पेट्रोल 84 रुपये ओर डीजल पेट्रोल को पार करने जा रहा है ।इससे ज्यादा जनता का ओर कितना शोषण हो सकता है। मौजूदा वक्त में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत 43.41अमरीकी डॉलर प्रति बैरल तक गिर चुकी है, परंतु मोदी सरकार उल्टा पेट्रोल पदार्थों की कीमतों में लगातार वृद्धि कर रही हैं, जो कि सरासर जनता के साथ अन्याय है।
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