तांत्रिक के जाल में फंसे पुलिस जवान ने मां-बाप को बनाया कर्जदार

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Delhi tantrik con 17 lacs rupees from couple on the name of mughals hidden  treasures दिल्ली में तांत्रिक ने मुगलों के खजाने का लालच देकर दंपती से ठगे  17 लाख रुपए

सुंदरनगर के पलोहटा गांव का अजय कुमार जो कि मंडी पुलिस के तहत हटली थाने में कार्यरत था, आजकल लापता है। जिसको लेकर अजय कुमार के माता पिता इतने बेवस हो चुके है कि अब उन्होंने पुलिस से उम्मीद ही छोड़ दी है। जिस बेटे को माता-पिता का सहारा होना चाहिए था वही, इनको छोड़कर एक तांत्रिक के वशिकर्ण में इन्हें भूल चुका है। 90 साल की दादी इस हादसे के बाद पैरालाइस की शिकार हो गई। अजय कुमार बेशक तांत्रिक का सगा हो चुका है मगर सच यह भी है कि अजय कुमार ने इतना कर्ज ले रखा है कि बैंक ने उसका एक घर कुर्क कर दिया। इसके बावजूद अभी भी लाखों का कर्ज है।

बेशक अजय कुमार ने अपने मां-बाप को बेघर कर दिया था मगर उसकी बड़ी बहन ने अपने मां-बाप के घर को कुर्क होने से बचाने के लिए अपनी जमीन बेचकर कर्ज उतारा ताकि मां-बाप बेघर न हो सके। इस बेटी ने यह साबित कर दिया कि बेटियां कुछ भी कर सकती है। उस बेटी की ताकत उसका पति और उसका परिवार बना। अजय के ताया दीवान चंद ने कहा कि अब हम किसके पास गुहार लगाएं। मंडी पुलिस का सहयोग मिलना न मिलना एक समान हो गया है। उनका कहना है कि अगर तांत्रिक के खिलाफ सही और सख्त जांच हो तो सारे राज खुल सकते है मगर पुलिस भी अपना पल्ला झाड़ती दिख रही है। जबकि अजय कुमार उसी मंडी पुलिस का जवान है जो हटली थाने से गायब है।

उन्होंने कहा कि जब बैंक के खाते के लेनदेन पर तांत्रिक का साफ पता नजर आ रहा है तो क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही। काफी अर्से से अजय कुमार का संपर्क नंबर भी बंद हो चुका है। अब उम्मीद किससे की जाए। यह समझ से बाहर हो गया है। सरकार से मांग है कि अजय कुमार की मनोवैज्ञानिक तरीके से जांच करवाई जाए परंतु उससे पहले उसे तांत्रिक के चंगुल से छुड़वाना पड़ेगा। सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि पुलिस विभाग उसे उससे मुक्त करवा दे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक