डलहौजी स्कूल में एक साथ दस विद्यार्थियों की तबीयत हुई खराब

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डलहौजी में सोमवार को एक साथ कुछ विद्यार्थियों की तबीयत एकदम से बिगडऩे लगी। इसमें विद्यार्थी सिर दर्द, चक्कर आना व पेट दर्द आदि की शिकायत करने लगे। कुछ छात्र तो बेहोश होनेे लगे। इसको देखते हुए स्कूल प्रशासन ने तुरंत नागरिक अस्पताल को सूचित किया और एंबुलेंस के माध्यम व अन्य माध्यमों से अधिक खराब तबीयत वाले बच्चों को अस्पताल पहुंचाया, जबकि कुछ बच्चे स्कूल में अपने आप ठीक भी हो गए। अस्पताल पहुंचने पर तुरंत डाक्टर की टीम ने बच्चों का इलाज शुरू कर दिया।

इसके बाद बच्चों की हालत अब ठीक बताई जा रही है।गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी इसी तरह इसी स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चों में इस तरह की बीमारी के लक्ष्ण पाए गए थे। उस समय भी उन्हें स्थानीय अस्पताल पहुंचा कर इनका इलाज करवाया था, लेकिन सोमवार को फिर कुछ बच्चों की तबीयत बिगडऩे से यह बात उठ रही है कि आखिर बार-बार बच्चों को इस तरह की समस्या क्यों हो रही है इसके लिए यह भी मांग की जा रही है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों, जिनमें मनोचिकित्सक भी शामिल हो कि एक टीम गठित कर बच्चों की काउंसिलिंग की जाए।

बीमार बच्चों में मास हिस्टीरिया के लक्षण

प्रधानाचार्य नरेश चंदेल ने बताया कि सोमवार को कुछ विद्यार्थी तबीयत खराब होने की शिकायत करने लगे, जिसे देखते हुए तुरंत उन्हें इलाज के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के बाद अब उनकी तबीयत ठीक है। अस्पताल के एमर्जेंसी विभाग में ड्यूटी पर तैनात डा. मिली डोगरा ने बताया कि स्कूल के करीब दस विद्यार्थी यहां पर खराब तबीयत होने के कारण लाए गए हैं। इनमें शुरुआती जांच के दौरान मास हिस्टीरिया के लक्षण देखे जा रहे हैं।

मनोचिकित्सक करेंगे छात्रों की काउंसिलिंग

सभी बच्चों का पूरी तरह से इलाज किया जा रहा है और अब सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ भी हो रहे हैं। बच्चों के बार-बार ऐसे लक्ष्ण पाए जाने के चलते अब मेडिकल कालेज चंबा में इसकी सूचना दी गई है और शीघ्र ही वहां से मनोचिकित्सक यहां पर स्कूल में जाकर बच्चों की काउंसिलिंग करेंगे, जिससे कि भविष्य में बच्चों में इस तरह की समस्या पैदा न हो सके।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक