डलहौजी में दस साल से कांग्रेस का कब्जा, आप की एंट्री से रोचक बना मुकाबला
डलहौजी विस सीट को हथियाने के लिए जहां भाजपा-कांग्रेस के उम्मीदवारों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया तो वहीं इस बार आप की एंट्री ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। भाजपा ने जहां डीएस ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस की ओर से नौवां चुनाव लड़ रहीं कांग्रेस से मौजूदा विधायक आशा कुमारी फिर से भाजपा के उम्मीदवार को चुनौती दे रही हैं।
वर्ष 2017 में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी। कांग्रेस उम्मीदवार ने इस सीट से भाजपा उम्मीदवार को बेहद कड़े मुकाबले में 556 मतों से हरा दिया था। ऐसे में विधानसभा क्षेत्र डलहौजी को हॉट सीट के रूप में देखा जा रहा है। वहीं इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में है। आप ने मनीष सरीन पर दांव खेला है। भाजपा को छोड़कर राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी में शामिल होने वाले अशोक बकारिया और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रिंकू चुनावी मैदान में हैं।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 48.77 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की थी। कांग्रेस की उम्मीदवार को कुल 48.77 जबकि भाजपा उम्मीदवार को 47.65 फीसदी मत मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार ने 2017 के चुनाव में 24,224 जबकि भाजपा के उम्मीदवार ने 23,668 मत हासिल किए थे। इस प्रकार बेहद नजदीकी मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार को कांग्रेस उम्मीदवार ने 556 मतों से मात देते हुए जीत दर्ज की।
वर्ष 2012 से डलहौजी की सीट पर लगातार कांग्रेस का कब्जा कायम है। वर्ष 2012 में भी कांग्रेस उम्मीदवार आशा कुमारी ने यहां से जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा की रेणु चड्ढा को करीब सात हजार मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। इस प्रकार 10 वर्षों से लगातार यहां से कांग्रेस विधायक हैं। इसलिए कांग्रेस ने तीसरी बार भी आशा पर ही अपनी आशा जताई है।
विधानसभा क्षेत्र डलहौजी में 12 नवंबर को 75.97 फीसदी मतदान हुआ है। महिला वोटर मतदाता करने में आगे रहीं। चुनावों में कुल 75,171 मतदाताओं में से 28,367 महिला मतदाताओं और 27,742 पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया।