टैंडर की आड़ में सरसा नदी में अवैध खनन जारी, क्रशरों में बेचा जा रहा लाखों रुपए का खनिज
नालागढ़ में अवैध खनन का काम जोरों से चला हुआ है। अब सरकारी काम के टैंडर की आड़ में खनन माफिया द्वारा नदियों को सीना छलनी कर लाखों रुपए का खनिज क्रशरों में बेचा जा रहा है। ताजा मामला नालागढ़-घनौली सड़क मार्ग पर बने जगातखाना पुल का सामने आ रहा है। सरसा नदी पर बने इस पुल के नीचे से 100 मीटर के दायरे की मिट्टी बह जाने से पुल के 3 स्पैम खतरे की जद्द में आ गए हैं। इसके चलते लोक निर्माण विभाग ने इस पुल की मुरम्मत के लिए ठेकेदार को 35 लाख रुपए का टैंडर जारी किया है। इसमें नदी का रुख दूसरी तरफ बदलने व स्पैम के नीचे के एरिया में मिट्टी भराव व कवर करने का कार्य शामिल है, लेकिन ठेकेदार टैंडर की आड़ में खुदाई के दौरान निकलने वाली खनन सामग्री को कमाई करने में जुट गए हैं। यह काम पिछले 2 माह से चल रहा है। हैरानी की बात है कि प्रशासन, पुलिस व खनन विभाग आज तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार नदी का खनिज बाहर बेचने की अनुमति नहीं दी गई है।
जिला माइनिंग अधिकारी हरविंद्र सिंह ने बताया कि सरसा नदी से खनिज चोरी करने का मामला संज्ञान में नहीं है। अगर सरकारी काम की आड़ में खनिज चोरी करके बाहर बेचा जा रहा है तो तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होगी। वहीं हिम परिवेश संस्था के महासचिव बाल कृष्ण शर्मा का कहना है कि अगर इसी तरह से जगातखाना पुल के नीचे अवैध खनन होता रहा तो वो दिन दूर नहीं, जब यह पुल खनन भेंट चढ़ जाएगा।
लोक निर्माण विभाग नालागढ़ के एसडीओ राज कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने गत बरसात से पहले जगातखाना पुल की मुरम्मत का टैंडर जारी किया था। मार्च माह तक इस पुल की मुरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। पुल के नीचे एक ही तरफ पानी बहने से स्पैम की मिट्टी पूरी तरह बह गई थी। अब 35 लाख का टैंडर इसकी मुरम्मत के लिए किया गया है। नदी का खनिज बेचने की किसी को अनुमति नहीं दी गई है। उधर, कार्यकारी एसडीएम नालागढ़ प्रिया नागटा ने कहा कि अगर सरकारी काम की आड़ में अवैध माइनिंग हो रही है तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले की जांच करवाई जाएगी।