छेड़छाड़ के मामलों पर शिक्षा विभाग सख्त, हर माह 5 तारीख तक भेजनी होगी रिपोर्ट

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हिमाचल के शिक्षण संस्थानों से लगातार आ रहे छेड़छाड़ के मामलों पर शिक्षा विभाग में सख्ती दिखाई है। दरअसल विभाग में हर शिक्षण संस्थान को यह निर्देश जारी किए थे कि सेक्सुअल हैरेसमेंट कमेटी को हर महीने की 5 तारीख को ऐसे मामलों की जानकारी निदेशालय भेजनी होगी। लेकिन शिक्षण संस्थान इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अब एक बार फिर शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को रिमाइंडर जारी किया है कि हर हालत में हर महीने की 5 तारीख को छेड़छाड़ संबंधी मामलों की रिपोर्ट निदेशालय भेजनी होगी ऐसा न करने की सूरत में शिक्षण संस्थान के मुखियाओं पर कार्रवाई होगी। गौर है कि हिमाचल के स्कूलों में पिछले दिनों छात्राओं से छेड़छाड़ के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से हर शिक्षण संस्थान में सेक्सुअल हैरेसमेंट कमेटी बनी है उसके बावजूद भी इन मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। छात्राएं खुद यौन शोषण और छेड़छाड़ की शिकायतें कर रही है और अधिकतर मामलों में शिक्षक ही आरोपी पाए जा रहे हैं। ऐसे में अब एक बार फिर शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को इस बारे में अलर्ट किया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉक्टर अमरजीत शर्मा की ओर से यह निर्देश सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेज सहित स्कूलों को जारी किए गए है।

जून में ही तीन मामले

जून माह में ही स्कूलों में छेड़छाड़ के तीन मामले सामने आए हैं। इसमें कांगड़ा के ज्वाली में सरकारी स्कूल की छात्राओं ने अध्यापक पर छेड़छाड़ का आरोप  लगाया है। बताया जा रहा है कि अध्यापक पढ़ाई के समय छात्राओं से अश्लील हरकतें करता था।

वहीं 19 जून को चौपाल के एक स्कूल में 11 छात्राओं से छेडछ़ाड का मामला सामने आया था। जिसमें प्राइमरी से हाई स्कूल तक की छात्राओं ने स्कूल के साथ लगती दुकान के दुकानदार पर छेड़छाड़ की शिकायत की थी जिसके बाद ये मामला भी सामने आया था।

इसके अलावा एक अन्य मामले में 21 जून को मंडी जिले के जोगिंद्रनगर क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल की चार छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने स्कूल के मुख्य शिक्षक को हिरासत में ले लिया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक