कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच 12-16 हफ्ते का अंतर हो, सरकारी पैनल की सिफारिश
भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ चल रहे वैक्सीनेशन ड्राइव के तहत दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है- सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. इन दोनों ही वैक्सीन की दो-दो डोज़ दी जा रही हैं। कई राज्यों में वैक्सीन की कमी आ रही है. तीसरा चरण शुरू हो जाने के बाद भी कई राज्यों में 18 से 44 साल के लोगों में वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो पाया है इस बीच खबर आई है कि एक सरकारी पैनल ने कोविशील्ड के दो डोज़ के बीच के अंतर को बढ़ाने की सिफारिश की है ।
सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की। कोवैक्सीन की खुराकों के लिए बदलाव की अनुशंसा नहीं की। कोविशील्ड के डोज़ के बीच में अंतर की सिफारिश तब आ रही है, जब वैक्सीन की निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन उत्पादन को लेकर संघर्ष कर रही है. मांग के मुताबिक, उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
ऐसा पिछले तीन महीनों में तीसरी बार है, जब कोविशील्ड के डोज़ के बीच में अंतर बढ़ाया गया है। मार्च में केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा था कि वो बेहतर नतीजों के लिए 28 दिनों के अंतराल को बढ़ाकर 6-8 हफ्ते कर दें।
गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन…
वैसे इसके इतर एक और अहम जानकारी गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन को लेकर है। पीटीआई सूत्रों के मुताबिक- गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है। स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं। सरकारी परामर्श समिति ने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित रह चुके लोगों को स्वस्थ होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए।