केंद्रीय बजट में हुईं ये बड़ी घोषणाएं, हिमाचल को भी मिलेगा लाभ
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में पेश बजट में कई बड़ी घोषणाएं कीं। जानिए कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, आयकरदाताओं के लिए बजट में क्या मिला।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इस दाैरान उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं कीं। इन घोषणाओं से हिमाचल को भी लाभ होगा। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर आयकर नहीं लगेगा। जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब का एलान करते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्ग देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। 12 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 80 हजार रुपये का फायदा होगा। 18 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 70 हजार रुपये का फायदा होगा। 25 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 1.10 लाख रुपये का फायदा होगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा।ये रहेगा आयकर का स्लैब
0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं।
4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत
8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत
12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत
16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत
20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत
24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत
पर्यटन के लिए ये घोषणाएं
ई उड़ान योजना के तहत 120 नए स्थानों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और अगले 10 वर्ष में चार करोड़ यात्रियों की मदद करने पर जोर दिया जाएगा। पहाड़ी व नॉर्थ ईस्ट रीजन में कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाया दिया जाएगा। देश में शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को राज्यों की भागीदारी से चैलेंज मोड माध्यम से विकसित किया जाएगा। महत्वपूर्ण अवसंरचना के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था राज्यों की ओर से की जाएगी। उन स्थलों के होटलों को अवसंरचना में शामिल किया जाएगा। रोजगार प्रेरित विकास को सुगम बनाने के लिए उपाय किए जाएंगे। इसमें आतिथ्य प्रबंधन संस्थानों सहित युवाओं के लिए गहन कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन, होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्रदान करना, पर्यटन स्थलों में यात्रा की सुगमता और संपर्क में सुधार करना, पर्यटकों के लिए सुख-सुविधाएं, स्वच्छता और विपणन संबंधी प्रयासों सहित प्रभावी पर्यटन स्थल प्रबंधन के लिए राज्यों को निष्पादन संबद्ध प्रोत्साहन प्रदान करना व कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीजा शुल्क छूट के साथ ई-वीजा की सुविधाओं को सुव्यवस्थित करना शामिल हैं।
ई उड़ान योजना के तहत 120 नए स्थानों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और अगले 10 वर्ष में चार करोड़ यात्रियों की मदद करने पर जोर दिया जाएगा। पहाड़ी व नॉर्थ ईस्ट रीजन में कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाया दिया जाएगा। देश में शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को राज्यों की भागीदारी से चैलेंज मोड माध्यम से विकसित किया जाएगा। महत्वपूर्ण अवसंरचना के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था राज्यों की ओर से की जाएगी। उन स्थलों के होटलों को अवसंरचना में शामिल किया जाएगा। रोजगार प्रेरित विकास को सुगम बनाने के लिए उपाय किए जाएंगे। इसमें आतिथ्य प्रबंधन संस्थानों सहित युवाओं के लिए गहन कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन, होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्रदान करना, पर्यटन स्थलों में यात्रा की सुगमता और संपर्क में सुधार करना, पर्यटकों के लिए सुख-सुविधाएं, स्वच्छता और विपणन संबंधी प्रयासों सहित प्रभावी पर्यटन स्थल प्रबंधन के लिए राज्यों को निष्पादन संबद्ध प्रोत्साहन प्रदान करना व कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीजा शुल्क छूट के साथ ई-वीजा की सुविधाओं को सुव्यवस्थित करना शामिल हैं।
औषधि-दवाओं के आयात पर राहत
केंद्रीय बजट में रोगियों, विशेष रूप से, कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों से पीड़ित रोगियों को राहत देने के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट प्राप्त दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। 6 जीवनरक्षक दवाओं को 5 फीसदी के रियायती सीमा शुल्क वाली दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। पूर्ण छूट और रियायती शुल्क उपर्युक्त के निर्माताओं के लिए थोक औषधियों पर भी इसी प्रकार लागू होंगे। औषध कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत विशिष्ट औषधियां और दवाएं बीसीडी से पूरी तरह छूट प्राप्त हैं, बशर्ते कि दवाओं की आपूर्ति रोगियों को निःशुल्क की जाएं। 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ 37 अन्य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव है।
केंद्रीय बजट में रोगियों, विशेष रूप से, कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों से पीड़ित रोगियों को राहत देने के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट प्राप्त दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। 6 जीवनरक्षक दवाओं को 5 फीसदी के रियायती सीमा शुल्क वाली दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। पूर्ण छूट और रियायती शुल्क उपर्युक्त के निर्माताओं के लिए थोक औषधियों पर भी इसी प्रकार लागू होंगे। औषध कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत विशिष्ट औषधियां और दवाएं बीसीडी से पूरी तरह छूट प्राप्त हैं, बशर्ते कि दवाओं की आपूर्ति रोगियों को निःशुल्क की जाएं। 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ 37 अन्य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव है।