कांग्रेस मंत्री कहते है की जेसीबी भाजपा नेताओं की नही, कांग्रेस नेताओं की लगेगी : जयराम

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शिमला, नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की वर्तमान कांग्रेस सरकार आपदा को संभालने में विफल साबित हो रहे है।

उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार बनी है तब से 1000 से अधिक सरकारी संस्थान बंद हो चुके हैं और अब तो हद ही होगी सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी जिसके पास 140 से अधिक विश्वविद्यालय थे उनमें से बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय काट दिए गए हैं, अब इस संस्थान के पास केवल तीन जिलों के विश्वविद्यालय हीं होंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री केवल खबरें बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं, जब खबरें बनती नहीं तो कोई ना कोई संस्थान बंद कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय में एक और पद बनाया गया है, इसकी नोटिफिकेशन भी हुई है। आपदा की घड़ी चल रही है पर सरकार के खर्च कम नहीं हो रहे हैं। वह ओएसडी, राजनीतिक सलाहकार, सीपीएस की बड़ी फौज पहले ही खड़ी है। अब तो सरकार और लोन लेने जा रही है पता चला है कि बड़ी जल्द 500 करोड़ का एक और लोन यह सरकार लेने वाली है। कांग्रेस सरकार कुप्रबधन की सरकार है।

उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में प्रदेश भर में सड़क ठप पड़ी है और उनको खोलने का काम अभी तक धरातल पर शुरू नहीं हुआ है। जहां भाजपा के लोग अपनी जेसीबी मुफ्त देकर रोड खोलना चाह रहे हैं, तो उनके युवा मंत्री साथ ही निर्देश महक में क देते हैं कि भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता की जेसीबी कम पर नहीं लगेगी। केवल मात्र कांग्रेस की ही लगेगी, क्या आपदा में भी कोई एलिजिबिलिटी है।

उन्होंने कहा कि इस सरकार में तालमेल की बहुत बड़ी कमी है , अभी तक आपदा में कितना नुकसान हुआ उसको लेकर कांग्रेस के आंकड़े भी स्थिर नहीं है। मुख्यमंत्री कुछ कहते हैं, तो मंत्री कुछ और ही कहते हैं।
आज तक प्रदेश में कभी ऐसा नहीं हुआ कि राशन डिपो से राशन खत्म हो गया हो, एक जगह डीजल के रेट बढ़ाकर महंगाई को बढ़ावा दे रहे हैं और दूसरी जगह राशन डिपो में राशन की कमी से जनता को परेशान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा की राजिंद्र राणा का पत्र सोशल मीडिया पर आया है उस पर कांग्रेस को गंभीरता से काम करना चाहिए। पत्र में बाते तो गंभीर है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक