कमीशन एजेंट की भूमिका निभाएगा, 3 मंडियों में कारोबार की तैयारी

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हिमाचल प्रदेश में आढ़तियों का एकाधिकार खत्म करने की तैयारी हो गई है। सरकार का उपक्रम हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (HPMC) आज से सेब कारोबार करने मंडियों में उतरेगा। राज्य सरकार ने आढ़तियों की मोनोपली खत्म करने के लिए HPMC को प्रदेश की 3 बड़ी मंडियों में कारोबार के लिए उतारने का निर्णय लिया है। HPMC ने आढ़त के लाइसेंस के लिए एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के पास ऑनलाइन अप्लाई कर दिया है। मार्केटिंग बोर्ड ने परवाणू, सोलन और पराला मंडी में HPMC को ऑक्शन यार्ड भी दे दिए हैं। आज शाम तक इन ऑक्शन यार्ड से सेब की खरीदारी शुरू हो जाएगी।

HPMC के MD (IAS) सुदेश कुमार मोक्टा ने बताया कि सेब की ऑक्शन के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी में HPMC, बागवानी विभाग और APMC के कर्मचारी हैं। यह कमेटी 3 मंडियों में सेब की बोली लगाएगी। प्रदेश में आढ़ती 6 फीसदी कमीशन पर काम करते हैं, मगर HPMC बागवानों के फायदे को देखते हुए कमीशन को कम कर सकता है। उन्होंने बताया कि जिस तरह आढ़ती बाहर से आने वाले लदानियों को सेब बेचते हैं, ठीक उसी तरह HPMC भी सेब बेचेगा। लदानी नहीं मिलने पर HPMC खुद भी सेब की खरीद करके बाहर की मंडियो में भेजेगा। उन्होंने बताया कि सेब खरीद के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों से संपर्क किया जाएगा।इसलिए HPMC को मैदान में उतारा गौरतलब है कि HPMC को पहली बार सेब की खरीद के लिए मंडियों में उतारा जा रहा है। हालांकि आज तक MIS यानी मंडी मध्यस्थता योजना के तहत B ग्रेड का सेब जरूर HPMC खरीदता था, लेकिन मंडियों में A ग्रेड सेब कभी नहीं खरीदा। इस बार आढ़तियों के हड़ताल पर जाने के बाद सरकार ने इनकी मोनोपली को खत्म करने के लिए यह निर्णय लिया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक