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एचपिटीडीसी फॉर सेल में जनता को ठग रहे केबिनेट रैंक वाले एचपिटीडीसी के अध्यक्ष,: भाजपा

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शिमला, भाजपा के पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी, प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज, प्रवक्ता अजय राणा, प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहा कि जिसका डर था वही हुआ, भड़के कर्मचारी, प्राइवेट को दे दिए सरकारी होटल। उन्होंने कहा कि इस बड़े भ्रष्टाचार की पटकथा काफी समय पहले से लिखी जा रही थी और सबसे हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री एवं उनके केबिनेट रैंक वाले एचपिटीडीसी के अध्यक्ष जनता को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि कैबिनेट रैंक वाले व्यक्ति को कैबिनेट के निर्णय 28 जून से लेकर 10 जुलाई तक पता ही ना हो ? लगता है हिमाचल ऑन सेल का बोलबाला प्रदेश में चल रहा है।

सरकारी संपत्ति को प्राइवेट करके पैसा कमाएगी और पुराने कर्मचारियों की नौकरी जाएगी

भाजपा नेताओं ने कहा कि जिस बात का डर था अब वही कर रही है हिमाचल की सरकार। सरकारी संपत्ति को प्राइवेट करके पैसा कमाएगी और पुराने कर्मचारियों की नौकरी जाएगी। 14 सरकारी होटल्स को प्राइवेट करने का आदेश जारी।
काम करने वालों में हड़कंप, आंदोलन करेंगे कर्मचारी। 14 सरकारी होटल अब प्राइवेट हाथों में दे दिए जाएंगे। ऑपरेशन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अब सरकारी कर्मचारियों के हाथों से छीनकर किसी प्राइवेट कंपनी को दे दी जाएगी और इस काम को पूरा करने के लिए पर्यटन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने एचपीटीडीसी के एमडी को 3 महीने की डेडलाइन भी थमा दी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, यानी सरकार ने अपने ही होटल से तौबा कर ली है और अब इनके ताले चाबी किसी और को सौंपने की तैयारी है।

सबसे बड़ी बात यह है कि यह फैसला उस वक्त लिया गया जब पर्यटन निगम के रेवेन्यू में इजाफा हुआ है : भाजपा

भाजपा नेताओं ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि यह फैसला उस वक्त लिया गया जब पर्यटन निगम के रेवेन्यू में इजाफा हुआ है। मतलब होटल्स घाटे से उबर रहे थे। कमाई की रफ्तार सुधर रही थी। स्टाफ उम्मीद में था कि हालात अब ठीक होंगे और ऐसे वक्त में सरकार ने कर दिया प्राइवेटाइजेशन का ऐलान। तो सवाल उठता है जब होटल मुनाफे में आने लगे तब बेचने की क्या जरूरत थी? लेकिन यह सिर्फ आज की नहीं। कई महीनों से पक रही साजिश की आंच है क्योंकि भाजपा का कहना है कि यह पूरी कारवाई एक नीलामी की स्क्रिप्ट है। सरकार जानबूझकर होटल्स को प्राइवेट हाथों में दे रही है। वो भी पिछले दरवाजे से। अब आपको याद हो तो यह नवंबर 2024 की वो खबर है जब हिमाचल हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के घाटे वाले 18 होटल्स को बंद करने का आदेश दिया था। तब अदालत ने इन्हें सफेद हाथी बताते हुए कहा था कि राज्य के ऊपर बोझ बनते जा रहे हैं ये होटल्स। भाजपा ने उस समय भी कहा कि होटल्स घाटे में नहीं है बल्कि जानबूझकर गलत आंकड़े पेश किए गए। एचपीटीडीसी के कर्मचारियों ने साफ कहा था कि सरकार इन होटल्स को घाटे में दिखाकर प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर रही है। यह भी आरोप लगे थे कि निगम के चेयरमैन आर एस बाली ने अपनी ही विधानसभा के 70 से ज्यादा लोगों को इन होटल्स में तैनात करवा दिया। वह भी बिना किसी योग्यता और अनुभव के और अब वही होटल्स जिन पर नवंबर 2024 में विवाद हुआ था जिन्हें कोर्ट ने बंद करो या सुधारो कहा था। अब सरकार उन्हें प्राइवेट हाथों में देने का फैसला कर लिया है। होटल्स की लिस्ट देख लीजिए। सब कुछ साफ हो जाएगा होटल हिल टॉप स्वारघाट, होटल लेक व्यू बिलासपुर, होटल भागल, एप्पल ब्लॉसम फागू, शिवालिक परवाणू, गिरीगंगा खड़ा पत्थर, ममलेश्वर चंडी, चाशल रोहड़ू, ओल्ड रॉस कॉमन कसौली, सरवरी कुल्लू, उहल जोगेंद्रनग, टूरिस्ट इन राजगढ़ वे साइड अमेनिटी भराड़ीघाट और सबसे अहम कश्मीर हाउस धर्मशाला अब आप खुद सोचिए क्या धर्मशाला की कश्मीर हाउस जैसी प्रॉपर्टी वाकई घाटे में थी या फिर इसके पीछे कोई खास खरीददार तय था।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक