एक कुर्सी के लिए दो प्रिंसिपल की लड़ाई… कोर्ट पहुंच गया मामला

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मामला, कानपुर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का है. यहां एक बड़ी अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली. यहां पर शुक्रवार को एक कुर्सी के लिए दो-दो प्रिंसिपल पहुंच गए, इसको देखते हुए संस्थान का स्टाफ और स्टूडेंट्स दोनों हैरान रह गए.

कुर्सी भी कमाल की चीज होती है, चाहें वो किसी मंत्री-नेता की हो या फिर किसी स्कूल के प्रिसिंपल की. ये कुर्सी का क्रेज अच्छे-अच्छों को क्रेजी कर ही देता है. कुर्सी के इसी क्रेज का एक मामला सामने आया यूपी के कानपुर से. यहां आईटीआई में एक ही समय पर दो प्रिसिंपल आ गए और फिर शुरू हो गई कुर्सी की जंग. स्टाफ के लोग भी इस बात से परेशान हो गए कि आखिर किसका आदेश मानें?

मामला, कानपुर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का है. यहां एक बड़ी अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली. यहां पर शुक्रवार को एक कुर्सी के लिए दो-दो प्रिंसिपल पहुंच गए, इसको देखते हुए संस्थान का स्टाफ और स्टूडेंट्स दोनों हैरान रह गए.

ये है पूरा मामला

दरअसल, सरकार ने कानपुर आईटीआई के प्रिंसिपल नरेश कुमार का ट्रांसफर कर दिया था और यहां पर उनकी जगह अमित पटेल को प्रिंसिपल बना कर भेजा था. लेकिन नरेश ने अपने ट्रांसफर पर स्टे लगावाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया और उनको अपने ट्रांस्फर ऑर्डर पर स्टे मिल भी गया. वहीं दूसरी तरफ अमित पटेल भी हाई कोर्ट चले गए. उन्होंने दावा किया कि हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश दे दिया है.

एक कुर्सी… दो दावेदार

मसला हल नहीं हुआ और ऐसे ही चलता रहा. इसके बाद 16 अगस्त को दोनों प्रिंसिपल एक साथ संस्थान पहुंच गए. अब वहां एक अजीबोगरीब स्थिति आ गई. एक कुर्सी के लिए दो-दो प्रिसिंपल को देखकर, स्टाफ को यह नहीं समझ आ रहा था कि आखिर वो आदेश मानें तो मानें किसका. दोनों अपनी जगह छोड़ने को तैयार भी नहीं है. दोनों प्रिंसिपल का दावा है की कुर्सी पर उनका हक है. उनका यह भी कहना है की सरकार को इस मामले के बारे में बता दिया गया है. फिलहाल स्टाफ और स्टूडेंट्स दोनों को इस बात का इंतजार है की आखिर उनका प्रिंसिपल कौन होगा?

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक