आखिर क्यों दौड़ी सोलन-शिमला की सड़कों में लेम्बोर्गिनी

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कालका-शिमला फोरलेन पर एक साथ दौड़ी 50 लेम्बोर्गिनी कारें
– देखते ही रह गए सोलन के लोग
सोलन
कालका-शिमला फोरलेन पर रविवार दोपहर कुछ ऐसा नजारा पेश हुआ कि हर कोई बस कारों के काफिले को देखने लगा। यहां दोपहर करीब 12 बजे पहले एक लेम्बोर्गिनी कार देखी गई। उसके पीछे दूसरी कार और फिर तीसरी। लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि यह विदेशी कारें कहां से आई है। इसके बाद तो एक के बाद एक नए से नए मॉडल की लेम्बोर्गिनी कारें यहां फोरलेन पर फरार्टे भरती देखी गई। एक साथ इतनी बेमिसाल कारें शायद ही सोलन के लोगों ने पहले कभी देखी हो। हर कोई सड़क के किनारे अपना मोबाइल कैमरा ऑन करके विश्व की लग्जरी कारों में शुमार लेम्बोर्गिनी को अपने कैमरे में कैद करने लगा। इस दौरान एक कार चालक से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि साल में एक बार उनका काफिला नए डेस्टीनेशन पर जाता है। इस बार हम पचास कारों के साथ शिमला जा रहे हैं और सोमवार को शिमला से चंडीगढ़ के लिए रवाना होंगे। सोलन के चंबाघाट में लोगों को इन कारों को करीब से देखने का मौका मिला। यहां रेलवे फाटक बंद होने के कारण कारों का काफिला करीब 5 मिनट तक रूका रहा। इस दौरान लोगों ने कारों के साथ सेल्फी ली और कुछ कार चालकों ने युवाओं की डिमांड पर अपनी कारों के सिस्टम को भी उन्हें दिखाया। लाल रंग की लेम्बोर्गिनी में सवार एकमात्र युवा ने अपनी पूरी कार की खिड़कियां खोलकर दिखाई। इसमें युवा, अधेड़ उम्र के लोग और महिला पुरूष सवार थे। एक कार में दो से अधिक लोग नहीं देखे गए। इतने यूनिक लेम्बोर्गिनी कार के कलर भी यहां लोगों के आकर्षण का केंद्र बने। सड़क पर कारों का काफिला किसी अचरज से कम नहीं था। हर कोई इन करोड़ों रुपए की कारों को देखने के लिए लालायित दिखा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक