आईजीएमसी अस्पताल में लंगर विवाद पर हिमाचल सरकार ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश

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जांच(सांकेतिक)

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) अस्पताल में चल रहे लंगर विवाद में जयराम सरकार ने मजिस्ट्रेटी जांच कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। लंगर विवाद के सियासी रूप लेने और सोशल मीडिया पर सरकारी तंत्र पर सवाल उठाए जाने के बाद मुद्दा गरमाता देख सरकार ने यह फैसला लिया। गृह विभाग ने इस संबंध में शिमला जिले के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट  लॉ एंड ऑर्डर राहुल चौहान को जांच सौंप दी है। एमडीएम 15 दिन के भीतर जांच पूरी कर गृह विभाग को सौंपेंगे।

इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार मामले में कोई निर्णय लेगी। गौर हो कि आईजीएमसी अस्पताल परिसर में लंगर संचालन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि आईजीएमसी प्रशासन ने किसी प्रभाव में आकर जबरन लंगर को बंद करवा दिया। साथ ही परिसर खाली कराने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया। सूत्रों के अनुसार अब जिस पक्ष को लंगर के लिए जगह मुहैया कराई जा रही है, वह एक सियासी दल के कद्दावर नेता का करीबी बताया जाता है। अब जबकि इस मामले को कांग्रेस ने मुद्दा बनाकर सरकार को ही घेरना शुरू कर दिया है, तो ऐसे में सरकार ने जांच का फैसला लिया है।

– आईजीएमसी और लंगर चला रही संस्था के बीच एग्रीमेंट में क्या शर्तें हैं
– लंगर के लिए फंडिंग कहां से आती है
– अस्पताल में कितने समय से बिना मंजूरी लंगर चल रहा है 
– बिजली-पानी के कनेक्शन कहां से दिए गए। यदि बिजली-पानी के बिल नहीं चुकाए तो कनेक्शन क्यों नहीं काटे गए 


बीते शनिवार आईजीएमसी प्रबंधन की टीम एमएस डॉ. जनक राज की अगुवाई में लंगर हाल के पास बने कमरे पर किए कब्जे को हटाने गई थी, जिससे विवाद खड़ा हुआ था। कमरे में रखा सामान बाहर निकाल दिया गया। इस पर संस्था ने आरोप लगाया कि उनका सामान तथा खाना बाहर फेंक दिया गया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा। हालांकि प्रबंधन ने प्रेसवार्ता कर सफाई भी दी, जिसमें कहा कि अस्पताल में लंगर बंद नहीं किया गया है। अवैध तरीके से सरकारी संपत्ति पर किए कब्जे को हटाया गया है।

आईजीएमसी अस्पताल प्रबंधन किसी की सेवा कार्य के खिलाफ नहीं है और न कार्य बाधित किया है। प्रबंधन का कार्य अस्पताल के संसाधनों का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल करने से रोकना है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक