अगर आप भी खरीदे गाड़ी तो रहे सावधान, आपके साथ भी हो सकता है धोखा
स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक ऐसी गैंग का पर्दाफाश किया है जो भोले-भाले लोगों को गाड़ी फाइनांस करने के नाम पर अपना शिकार बनाते थे। शातिर इतने चालाक थे कि नाम बदल-बदल कर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। विजिलेंस कि टीम ने इस मामले में कालका निवासी 43 वर्षीय सुशील , 69 वर्षीय पटियाला निवासी सुखवीर और 21 साल के मोहाली के हरदीप बरार को गिरफ्तार किया है।
इस गैंग ने सोलन और शिमला में उन लोगों को अपना शिकार बनाया जिनके पास पैसे की कमी थी । शातिरों ने उन लोगों को अपना शिकार बनाया जिनके पास अपनी जमीन जायदाद थी व जिनके नाम पर आराम से गाड़ियां फाइनांस हो सकती थी । शातिरों के संपर्क मे सबसे पहले सोलन के जसवंत सिंह ठाकुर आ गए जिन्हे उन्होने प्रतिमाह एक गाड़ी के हिसाब से 40,000 देने का प्रलोभन दिया । जसवंत उनके चंगुल मे फस गए व उनके कहने पर उसने कई गड़ियां ले ली । साथ ही उसे इस बात का भी लालच दिया कि अगर कोई और भी गाड़ी लेना चाहे तो उसे भी गाड़ी दिला दो व उसकी एवज मे 5000 रूपय अलग से मिलेंगे । जसवंत ने भी उनकी बातों मे विश्वास कर लिया व कई लोगों को गाड़ियां लेने के लिए राजी कर लिया । जिसका शिकार लोग हो गए और शातिरों द्वारा एक लालच जो लोगो को दिया गया कि गाड़ी के लिए मार्जिन मनी भी वो लोग देंगे व उसके अलावा एक लाख रुपए किस्ते भरने के लिए भी देंगे । बात यही नहीं रुकती उन्हें यह भी प्रलोभन दिया जाता कि उनकी गाड़ी को कंपनी में अटैच कर दिया जाएगा और उसकी एवज में 40 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा। इसके बाद शातिर गाड़ी को कंपनी में लगाने के बहाने ले जाते और उसके बाद उस गाड़ी को बेच देते ।