अंतिम दिन देव कमरूनाग के दर्शन करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, चौहटा जातर में सजा देवी-देवताओं का दरबार
अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन बड़ा देव कमरूनाग के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी। देव कमरूनाग ने टारना से आकर चानणी में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। कमरूनाग दो घंटे चानणी की पौड़ियों में विराजमान रहे। देव कमरूनाग सुबह नौ बजे चानणी पहुंचे और 11 बजे के बाद भी दर्शन के लिए भक्तों की लाइनें सेरी मंच की पौड़ियों में लगी रहीं। उपायुक्त मंडी ने भी बड़ा देव कमरूनाग व बाबा भूतनाथ मंदिर में सपरिवार पूजा-अर्चना की। वहीं, मंगलवार सुबह से राज बेड़े में भी भक्तों का नरोल देवियों के दर्शन के लिए तांता लगा रहा।
उधर, शिवरात्रि के अंतिम दिन चौहटा बाजार में आयोजित जातर में आस्था का सैलाब उमड़ा। चौहटा में एक साथ करीब 150 देवी देवता विराजमान हुए। बाबा भूतनाथ परिसर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शिरकत कर देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। देवी-देवताओं का करीब आठ बजे से चौहटा बाजार में पहुंचना शुरू हो गए थे और करीब नौ बजे तक जातर में सभी देवी-देवता पहुंच गए। वहीं, श्रद्धालुओं की भी दर्शनों को लेकर करीब 12 बजे तक भारी भीड़ उमड़ी रहीं। चौहटा जातर से कुछ देवी-देवता जलेब की तैयारियों और कई अपने अपने मूल स्थान को रवाना होना शुरू हो गए।
देव आदि ब्रह्मा ने शहर की परिक्रमा कर बांधी सुरक्षा कार
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन उत्तरशाल घाटी के देव आदि ब्रह्मा ने शहर की खुशहाली के लिए पूरे मंडी शहर की परिक्रमा कर सुरक्षा कार बांधी। देव आदि ब्रह्मा ने सुरक्षा कार बांधकर लोगों को सुरक्षा का वादा भी किया। आदि ब्रह्मा के गूर व देवता के साथ आए अन्य बंजतरियों ने सेरी बाजार से बाबा भूतनाथ से होते हुए चौहटा बाजार, समखेतर बाजार, महाजन बाजार, इंदिरा मार्किट के चारों ओर से होते हुए पूरे शहर को सुरक्षा कार बांधी और अगले वर्ष तक सुरक्षा का वादा कर गए। इस दौरान देवता के देवलुओं ने जौ के आटा गुलाल की तरह हवा में उछाल कर बुरी आत्माओं को दूर रहने का आह्वान किया। पूरे प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव ही एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें लोक देवताओं की भागीदारी हर स्तर पर होती है। सुरक्षा कार को लेकर ऐसा माना जाता है कि इससे मंडी शहर पर बुरी आत्माओं का साया नहीं पड़ता है। शिवरात्रि के दौरान जनपद के कई देवी-देवता रियासतकाल से ही अपनी भागीदारी निभाते आए हैं। इनमें उत्तरशाल के देवता आदि ब्रह्मा की भूमिका अहम मानी जाती है। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन पर मंगलवार दोपहर दो बजे राजदेवता माधोराय की अंतिम जलेब निकलेगी। इस दौरान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे।
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